Sunday, July 7, 2024
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Lapse in PM Security पीएम सुरक्षा में हुई चूक का मामला, पंजाब के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी पर हो सकती है सख्त कार्रवाई

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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

Lapse in PM Security : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में पंजाब में बीत कल बड़ी चूक हुई। इसी मामले में आज गुरुवार को सेंट्रल होम मिनिस्ट्री ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में केंद्र सरकार सख्त कदम उठा सकता है। पंजाब राज्य के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी पर कार्रवाई की मांग भी कर सकता है। अब यहां सवाल यह उठता है कि केंद्र अगर इस तरह का कदम उठाता है तो क्या यह संवैधानिक होगा?।

बता दें कि बीते बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पंजाब में प्रदर्शन कर रहे किसानों की वजह से 15-20 मिनट तक जाम में फंसे रहना पड़ा था। बताया जा रहा है कि पंजाब में फिरोजपुर जिले के मुदकी के पास नेशनल हाईवे पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने पीएम का रास्ता तक रोक लिया था।

केंद्र सीधी कार्रवाई नहीं कर सकता: पूर्व डीजीपी (Lapse in PM Security)

इस मामले पर पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह का कहना है, ”केंद्र सीधी कार्रवाई नहीं कर सकता है। वह राज्य से डीजीपी को बर्खास्त करने की मांग कर सकता है या फिर उसे दिल्ली बुलाने का फरमान भी जारी कर सकता है, लेकिन सब कुछ राज्य सरकार की सहमति के साथ ही होगा।”

पूर्व डीजीपी ने कहा कि, ”इस पूरे मामले में सड़क मार्ग में ट्रैफिक पर प्रधानमंत्री के फंसने की बात सामने आ रही है। कहीं न कहीं, राज्य पुलिस सवालों के घेरे में है। उसने वह रास्ता क्लीन क्यों नहीं करवाया? प्रोटेस्टर्स कैसे वहां पहुंच गए? लिहाजा डीजीपी को केंद्र तलब कर सकता है। नोटिस भेज सकता है। डीजीपी को दिल्ली भेजना है या नहीं, उसे बर्खास्त करना है या नहीं। यह निर्णय राज्य सरकार लेगी।”

क्या ममता की तरह चन्नी भी बचाएंगे अधिकारियों को? (Lapse in PM Security)

पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह कहते हैं किे यह तो राज्य सरकार और सीएम पर निर्भर करेगा। ममता ने अपने पूर्व सेक्रेटरी अलपन बंद्योपाध्याय को केंद्र के नोटिस के बावजूद दिल्ली नहीं भेजा था। पंजाब के सीएम अब इस पर क्या रुख अख्तियार करेंगे, ये तो उनका फैसला होगा, लेकिन सूत्र जैसा बता रहे हैं कि केंद्र डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को नोटिस भेजकर दिल्ली तलब कर सकता है। अगर ऐसा हुआ और पंजाब सरकार अड़ी तो स्थिति बंगाल की ही तरह हो सकती है।

क्या है बंगाल का मामला? (Lapse in PM Security)

पश्चिम बंगाल के पूर्व सेक्रेटरी अलपन बंद्योपाध्याय पर केंद्र सख्ती कर चुका है। बंगाल में आए यास तूफान के बाद केंद्र की तरफ से समीक्षा के लिए पीएम की तरफ से बुलाई गई बैठक में न तो मुख्यमंत्री ही पहुंची थीं और न ही उस समय के चीफ सेक्रेटरी अल्पन बंद्योपाध्याय। इससे खफा होकर केंद्र ने दंडात्मक कार्रवाई करते हुए अलपन को तुरंत प्रभाव से दिल्ली बुलाया था। हालांकि उनका रिटायरमेंट कुछ ही महीनों के अंदर था।

ममता बनर्जी के वे खास थे। लिहाजा ममता ने उन्हें चीफ सेक्रेटरी पद से इस्तीफा दिलवाकर अपना सलाहकार नियुक्त कर दिया था। इस मामले में केंद्र और राज्य दोनों आमने-सामने आ गए थे। दरअसल, राज्य के अधिकारी को केंद्र नोटिस भेज सकता है। उसे बर्खास्त करने या फिर दिल्ली भेजने की मांग भी कर सकता है, लेकिन निर्णय राज्य का ही होगा। अलपन के खिलाफ अब भी केस चल रहा है।

जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा: शाह (Lapse in PM Security)

सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार इस मुद्दे पर राज्य सरकार को ही नहीं, बल्कि कांग्रेस की टॉप लीडरशिप को भी घेरने की तैयारी कर चुका है। अमित शाह ने तो सीधा इसे कांग्रेस निर्मित घटना बताते हुए विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने साफ कह दिया है कि जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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