Sunday, July 7, 2024
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जानिए क्यों मनाई जाती है महाराणा प्रताप की जयंती, बेहद खास है इतिहास

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India News (इंडिया न्यूज़) Rajasthan: Maharana Pratap Jayanti 2023: महाराणा प्रताप भारत के महान शूरवीर सपूतों में एक थे। बता दें, वीरों के वीर महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया जिनके शौर्य, त्याग और बलिदान की गाथाएं आज भी देश में चारों ओर गूंजती रहती हैं। महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजपूत राज परिवार में हुआ था। पिता उदय सिंह मेवाड़ा वंश के शासक थे। महाराणा प्रताप उनके बड़े बेटे थे। महाराणा प्रताप के छोटे तीन भाई और दो सौतेली बहनें थीं। शूरवीर महाराणा प्रताप ने मुगलों के अतिक्रमणों के खिलाफ अनगिनत लड़ाइयां लड़ी थीं।

बेहद खास है इतिहास

भारत की आन-बान-शान और वीरों के वीर महाराणा प्रताप का जन्मदिन साल में दो बार मनाया जाता है। 9 मई 2023 को उनकी 486 वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। इस अवसर पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी प्रेरक और रोचक पहलुओं से रूबरू कराएंगे। कुछ विशेष कारणों से महाराणा प्रताप की दो जयंतियां मनाई जाती हैं। इसमें एक तिथि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 9 मई 1540 है, वहीं बहुत से लोग उनका जन्मदिन हिंदू पंचांग के अनुसार जेठ मास की तृतीय को गुरु पुष्य नक्षत्र में मनाते हैं। इतिहास में ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिलता कि महाराणा प्रताप शाकाहारी थे। जबकि ये कई जगहों पर सभी ने पढ़ा और सुना कि महाराणा प्रताप शिकार करते थे लेकिन कही पर भी ऐसा प्रमाण नहीं है कि वे मांसाहारी थे या शाकाहारी। इसलिए इस परिप्रेक्ष्य में बात करना उचित नहीं होगा।

महाराणा प्रताप ने नहीं की कभी गुलामी

बता दें कि महाराणा प्रताप ने जिंदगी में कभी किसी गुलामी स्वीकार नहीं की ह। जबकि मेवाड़ को जीतने के लिए अकबर ने सभी तरह के प्रयास किए। उन्होंने कभी मुगलों के किसी भी तरह के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया और मेवाड़ से कई गुना ताकतवर मुगल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष करते रहे। इसके बाद अकबर ने मानसिंह और असफ खान को एक विशाल सेना के साथ महाराणा प्रताप से युद्ध के लिए भेजा, जो महाराणा की सेना से कई गुना ज्यादा थी।

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