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राजस्थान दिवस के 74वें मौके पर जाने प्रदेश का पूरा इतिहास

• LAST UPDATED : March 30, 2023

जयपुर: (74th occasion of Rajasthan Day) राजस्थान में आज यानी 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाएगा। बता दें कि यह दिवस लाभार्थी उत्सव के रूप में भी मनाया जा रहा है। अलग-अलग प्रदेशों के गठन और नामकरण के पीछे कोई न कोई कहानी जरूर होती है। अगर बात की जाए राजस्थान संघ की स्थापना की तो, 15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ, तब अलग-अलग राज्यों के गठन का काम शुरू हुआ।

तब मध्य पश्चिमी भारत में कई राजाओं की रियासतें थी। इन रियासतों का एकीकरण करके वृहत राजस्थान संघ की स्थापना की गई, जिसे राजपुताना नाम से भी जाना जाता था। पहले अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली की रियासतों को एक किया गया। इसके बाद जयपुर, जोधपुर, जैसलमेल और बीकानेर की रियासतों का भी विलय किया गया। कुल मिलाकर सात चरणों में राजस्थान का एकीकरण हुआ, जिसे 30 मार्च 1949 को अंतिम रूप दिया गया।

किस कारण प्रदेश का नाम राजस्थान पड़ा

बता दें कि राजस्थान के एकीकरण में सरदार वल्लभ भाई पटेल का विशेष योगदान रहा। हर वर्ष 30 मार्च को राजस्थान का स्थापना दिवस मनाया जाता है। 30 मार्च 2023 को राजस्थान 74 साल का हो गया। राजस्थान के नामकरण के पीछे एक बड़ा कारण यह है। आजादी से पहले यहां अलग-अलग रियासतें थी, जिनमें अलग-अलग राजा शासन करते थे। राजपरिवार में परम्पराएं होती थी कि उनका शासन वंशानुगत चलाया जाए।

आजादी के बाद जब देश में लोकतंत्र लागू हुआ तो राजाओं का शासन चला गया और शासन जनता के जरिए तय किया जाने लगा। क्योकि यह स्थान पहले राजाओं का स्थान हुआ करता था। इसी कारण इस प्रदेश का नाम भी राजस्थान रख दिया गया।

राजस्थान में किलों की संख्या

राजाओं की रियासतों के कारण राजस्थान में कई किले हैं। आपको बता दें कि यहां प्रमुख किलों की संख्या 13 हैं, जिनमें जयपुर का आमेर और जयगढ़ किला, जोधपुर का मेहरानगढ़ किला, राजसमंद का कुम्भलगढ़ किला, सवाई माधोपुर का रणथम्भोर किला, बीकानेर का जूनागढ़ किला, भरतपुर का लोहागढ़ किला विश्वभर में अपनी विशेष पहचान रखते हैं। अन्य किलों और महलों में गागरौन किला, जैसलमेर, सिरोही का अचलगढ़, नागौर का अहिछत्रगढ़, जालौर दुर्ग, सिरोही का खिमसर किला, अवलर का निमराणा किला, सिटी पैलेस आदि भी प्रसिद्ध हैं। अभेद किलों के साथ रानियों के कहने के लिए आलीशान महल भी बने हुए हैं।

अब राजस्थान में कुल 10 संभाग और 50 जिले है

राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य हैं। इसका कुल क्षेत्रफल 3 लाख 42 हजार 239 वर्ग किलोमीटर है। यह देश का 1/10 भूभाग है। राजस्थान में अभी तक 7 संभाग और 33 जिले थे, लेकिन हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो जिलों का विलय करते हुए 19 नए जिलों और 3 नए संभागों की घोषणा कर दिया है। ऐसे में अब राजस्थान में कुल 10 संभाग और 50 जिले हो गए हैं।

प्रदेश में सबसे पुरानी पर्वतमाला अरावली भी मौजूद है।

राजस्थान की शौर्य गाथाओं के कारण राजस्थान देश में अपनी विशेष पहचान रखता है। महाराणा प्रताप, चंद्र सेन राव और महाराजा सूरजमल की शौर्य गाथाएं विश्वभर में प्रसिद्ध है। इतिहारकार कर्नल जेम्स टॉड ने राजस्थान को यूरोप के थर्मापोली की संज्ञा दी थी। थर्मापोली में पग पग पर वीरता की कहानियां हैं। उसी तरह राजस्थान में बहुत वीर यौद्धा हुए हैं, जिनके कारण इसे थर्मापोली कहा गया। राजस्थान का बड़ा भू-भाग रेगिस्तान है। यहां भारत की सबसे पुरानी पर्वतमाला अरावली भी मौजूद है।

पर्यटन स्थल है, झीलों की नगरी उदयपुर, पिंक सिटी जयपुर

पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान दुनिया में अपनी विशेष पहचान रखता है। यहां दर्जनों ऐसे पर्यटन स्थल है, जहां रोजाना हजारों की संख्या में देशी विदेशी पर्यटक भ्रमण के लिए आते हैं। साथ ही धोरों की धरती जैसलमेर की भी अपनी विशेष पहचान है, जहां हिचकौले खाते पर्यटक ऊंटों की सवारी का आनन्द लेते देखे जा सकते हैं। झीलों की नगरी उदयपुर हो या पिंक सिटी जयपुर, पर्यटन की दृष्टि से यहां कई दर्शनीय स्थान हैं।

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