India News(इंडिया न्यूज़ )Rajasthan: राजस्थान अपनी संस्कृति, इतिहास और खान-पान के लिए खूब फेमस हैं। बता दें राजस्थान उत्सवों का राज्य है। तमाम परेशानियों के बीच यहां के लोग खुश रहने के छोटे-बड़े मौके खुद ही ढूंढ निकालते हैं। इसी तरह यहां बनने वाले व्यंजन भी देशभर में खूब पसंद किए जाते हैं। ऐसी ही चटपटी रेसिपीज में से एक है केर-सांगरी। आइए आज हम आपको बताते हैं इस रेसिपी की खासियत।
ये सब्जी शीतला सप्तमी (बसोड़ा) के दिन खास तौर पर बनाई जाती है। दरअसल इस दिन यहां ठंडा खाना खाने की मान्यता होती है। ऐसे में सप्तमी के दिन का खाना एक दिन पहले यानी षष्ठी को ही बनाकर रख लिया जाता है। दूसरी सब्जी के खराब होने का डर रहता है, ऐसे में लोग केर-सांगरी की सब्जी को प्राथमिकता देते हैं। शादी-ब्याह और तीज-त्यौहार के मौकों पर भी इस सब्जी में मेवा डालकर शाही अंदाज में बनाई जाती है।
बता दें, केर-सांगरी का राजस्थान से बेहद पुराना नाता है। हालांकि अब कई राज्यों में इसकी पैदावार शुरू भी हो गई है, लेकिन राजस्थान में इसे खाना तब शुरू किया गया, जब सूखा पड़ने की वजह से बाकी हरी सब्जियां सूखने लगीं। इसे खाने की दूसरी वजह ये है कि रेगिस्तानी इलाकों में ये आसानी से मिल जाती है। चूंकि राजस्थान में भीषण गर्मी पड़ती है और खाना जल्दी खराब होने की संभावना बनी रहती है, ऐसे में केर सांगरी एक ऐसी सब्जी है, जो कभी भी बनाई जाए, जल्दी खराब नहीं होती।