India News (इंडिया न्यूज़), Jodhpur: जोधपुर से एक बड़ा मामला सामने आया है। जहां अपने ही गुरुकुल की एक छात्रा के यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम की जमानत याचिका सोमवार को मंजूर हो गई। दरअसल, पिछले 10 साल से जमानत पाने की बहुत कोशिश की जा रही थी लेकिन सारी कोशिश नाकामयाब हो गयी थी।
वहीं, आज यानि सोमवार को आसाराम ने चैन की साँस ली। यौन उत्पीड़न के आरोप में आसाराम को 2013 में हिरासत में लिया गया था। स्थानीय कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कई जमानत अर्जी लगायी गयी थी,लेकिन कहीं भी राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट के जस्टिस कुलदीप माथुर की कोर्ट ने आसाराम की जमानत अर्जी को स्वीकार कर लिया। बहरहाल, जिस मामले में जमानत स्वीकार की गई है, वह यौन उत्पीड़न का मामला नहीं है। बल्कि आसाराम से जुड़ा एक और मामला है।
जमानत पाने के लिए आसाराम ने बहुत प्रयास किया, लेकिन हर जगह असफलता ही हाथ लगी। आसाराम के वकील रविराय वेज ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका पेश की। जिसमें आसाराम की शारीरिक स्थिति को को आधार बनाया गया और जोधपुर सेंट्रल जेल की डिस्पेंसरी के सर्टिफिकेट बतौर सबूत पेश किए गए।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को तब गंभीरता से लिया जब यह बात सामने आई कि यह सर्टिफिकेट झूठा है। कोर्ट को गुमराह करने और झूठे सबूत को पेश करने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कर अनुसंधान करने का भी आदेश दिया। वहीं, अब इस मामले में राहत मिली है।
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