India News(इंडिया न्यूज),Jaipur: राजस्थान में विधानसभा होने में अब कुछ ही समय बचा है। जिसको लेकर सभी पार्टी खासकर कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे पर लगातार हमलावर है। इस बार भी बीजेपी ने कांग्रेस पर तंच करते हुए प्रदेश कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए है। बीजेपी ने कांग्रस पर प्रदेश की कानून व्यवस्था को तहस नहस करने का आरोप लगाया है। प्रदेश में बेटियां घर बाहर कहीं भी सुरक्षित नहीं है। बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कोटड़ी की घटना को लेकर कहा कि “हालात यह हो गए कि गहलोत राज में बेटी बचाओ का नारा पोस्टरों तक ही सीमित है। असल में बेटियां भट्टी में जलाई जा रही है।” तो वहीं, दूसरी ओर बीजेपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका गुर्जर इस मामले पर बोलते बोलते भावुक हो उठी और उनकी आंखों से आंसू बह निकले।
आपको बता दें कि बीजेपी प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार, 4 अगस्त को प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा- भीलवाड़ा के नरसिंहपुरा गांव में खेत में पशु को चराने गई नाबालिग बच्ची को दुष्कर्म के बाद जिंदा भटटी में झोंक दिया जाता है। परिवार ढूंढता है तो भट्टी के पास बदबू से पुष्टी होती है और वहां जली हुई हड्डियों के टुकड़े मिलते हैं। प्रदेश में इस तरह का यह पहला मामला है। जिसे सुनकर हर प्रदेशवासी की रूह कांप गई और गैर जिम्मेदार मुख्यमंत्री प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था को ढकने के लिए कहते है कि भाजपा अफवाह फैला रही है। गहलोत 2023 के चुनावी तैयारी में मशगूल है और महिला अपराध रोकने में बेबस और लाचार नजर आ रहें हैं। अरूण चतुर्वेदी ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि कांग्रेस के नेताओं के परिवार के लोगों ने दुष्कर्म किए हैं।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने ये भी कहा- चाहे जाहिदा खान के परिवार का मामला हो, जोहरी लाल मीणा के बेटे का, चाहे कठूमर विधायक बाबू लाल के भतीजे का। सब पर दुष्कर्म के आरोप लग रहें है और सरकार यहां लीपापोती कर रही है। कभी राजस्थान की पुलिस देश की सर्वश्रेष्ठ पुलिस मानी जाती थी, लेकिन गहलोत के कमजोर नेतृत्व के कारण पौने पांच सालों में क्राइम रोकने में फिसडडी साबित हुई। थाने सत्ताधारी विधायक और मंत्रियों के दबाव में काम करते है उसका ही परिणाम है कि आज राजस्थान महिला सुरक्षा में बदत्तर होता जा रहा है।
अरूण चतुर्वेदी ने यहां तक भी कहा आज हम बहन बेटियों की आवाज को उठाना चाहते हैं क्योकि चाइल्ड पोर्नाेग्राफी में भी राजस्थान अव्वल है अश्लीलता और क्राइम परोसा जा रहा है साइबर क्राइम बढ़ता जा रहा है। राजस्थान पूरी तरह से जंगलराज के शिकंजे में है विधायकों को खुली छूट मिली हुई है भ्रष्टाचार चरम पर है और राजस्थान की पुलिस का इकबाल समाप्त हो चुका है आज आम आदमी विश्वास और अपराधियों में डर यह जो स्लोगन आपके रहते रहते पूरी तरह पलट चुका है आज अपराधियों में विश्वास और आमजन में भय का वातावरण है। मुख्यमंत्री अब अपने पैर की पट्टीयां खोलकर प्रदेश में दुष्कर्म रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करें।
राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर ने सरकार पर गरजते-बरसते हुए कहा कि प्रदेश में महिला असुरक्षा की पराकाष्ठा हो चुकी है। प्रतिदिन अखबार खोलते ही प्रदेश में हो रहें दुष्कर्म की घटना सबसे पहले सामने होती है और बेशर्म शासन और प्रशासन आंखें मूंद कर बैठा है। मुख्यमंत्री ट्वीट करके कहते हैं कि दूसरे राज्यों के मुकाबले महिलाओं की स्थिति यहां बेहतर है, जबकि आंकड़े इसके उलट है। 2018 के बाद 46 प्रतिशत महिला अपराध बढा और महिला उत्पीड़न के 45 हजार मामले दर्ज हुए, जिस पर मुख्यमंत्री गहलोत कहते हैं कि मुकदमे ज्यादा दर्ज करने के कारण मामले बढें है। तो वहीं, मुख्यमंत्री शर्मनाक बयान देते है कि 56 प्रतिशत मामले झूठे व आरोपी परिजन होते हैं सरकार के वरिष्ठ मंत्री शांती धारीवाल सदन के पटल पर बलात्कार को मर्दानगी बताते हैं।
राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर ने आगे ये भी कहा कि प्रदेश में कभी दलित बच्ची के साथ दुराचार, तो कभी तेजाब डालकर कुएं में फेंक दिया जाता है। तो कभी बलात्कार करके धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता है। हाल ही में 4 दिन पहले भीलवाड़ा में पानी में पेशाब मिला दिया गया था और अब तो हद हो गई दूसरा तंदूर कांड भीलवाड़ा में हुआ है। इतना कहते कहते गुर्जर की आंखों से आंसू बहने लगे और गला भर आया। इसे बाद अलका गुर्जर ने कहा कि “हमेशा से ही राजस्थान प्रदेश महिलाओं की वीरता, शौर्य और सम्मान के लिए व सुरक्षित प्रदेश माना जाता था, लेकिन पिछले पौने पांच सालों में कांग्रेस सरकार ने इसे ‘‘रेपिस्तान’’ बना दिया है प्रदेश की बहन-बेटियां इस सरकार को कभी माफ नहीं करेगी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गृहमंत्री पद से तुरंत त्यागपत्र दे देना चाहिए। इसके बाद वो बोल नहीं पाई।”