India News ( इंडिया न्यूज़ ), Jaipur News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में अब केवल तीन से चार महिनों का समय बचा है। ऐसे में चुनाव के प्रचार-प्रसार में सभी पार्टी अपनी-अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। चुनाव से पहले सभी पार्टी के मंत्री व नेता राज्य का दौरा करने प्रदेश में लगातार चक्कर लगा रहे है। चुनाव से पहले सभी पार्टियां विचार विमर्श के लिए लगातार बैठक कर रहे है। इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में रविवार यानी 1 अक्टूबर को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई।
इस बैठक में संविदा कार्मिकों के हितों की रक्षा के लिए राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलिवरी कॉर्पोरेशन का गठन करने, राजस्थान वक्फ नियम-2023 के प्रारूप का अनुमोदन करने, कार्यप्रभारित कार्मिकों के लिए पदोन्नति के अवसर बढ़ाने , धरियावद घटना की पीड़िता को सरकारी नौकरी देने और 80 से अधिक सामाजिक संस्थाओं को भू-आवंटन करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बता दें कि राजस्थान में अब प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए राजकीय विभागों में संविदा पर कार्मिक लगाने की प्रथा बंद हो जाएगी। अब राज्य सरकार द्वारा सरकारी कम्पनी के रूप में राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलिवरी कॉर्पोरेशन (RLSDC) का गठन करने का मंत्रिमंडल में बड़ा निर्णय लिया गया है।
इस मंत्रिमंडल बैठक के जरिए इस निर्णय से विभिन्न राजकीय विभागों, संस्थानों में कुशल-अकुशल अभ्यर्थियों का पंजीकरण/चयन पारदर्शी तरीके से किया जा सकेगा। संविदा कार्मिकों को शोषण से मुक्त करते हुए उचित पारिश्रमिक उपलब्ध करवाया जाएगा। बता दें कि विभिन्न विभागों में प्रशिक्षित कार्मिक उपलब्ध होंगे। तो वही, राज्य को कार्मिकों के कौशल का लाभ मिलेगा।
इस मंत्रिमंडल बैठक में एक जनवरी 2021 से पहले के कार्यरत ठेका कर्मियों को नवगठित सरकारी कम्पनी के माध्यम से आवश्यकतानुसार सीधे ही लिया जाएगा, जिससे उन्हें बिना किसी कटौती के पूर्ण पारिश्रामिक मिलेगा। बता दें कि अभी तक एजेंसियों द्वारा विभिन्न कटौतियां कर कार्मिकों का शोषण किया जाता था।
आरएलएसडीसी को कम्पनी अधिनियम-2013 के अंतर्गत पंजीकृत किया जाएगा। यह राज्य सरकार के पूर्ण स्वामित्व की कम्पनी होगी। इसमें प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रमुख शासन सचिव अध्यक्ष होंगे। इसके साथ ही, कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, वित्त व्यय विभाग के शासन सचिव, श्रम विभाग के प्रमुख शासन सचिव/शासन सचिव, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के निदेशक और राज्य सरकार द्वारा नामित व्यक्ति सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।