India News (इंडिया न्यूज़), Jaipur News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक स्थानीय अदालत में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को भरण-पोषण के लिए 55 हजार रुपए के सिक्के अदालत में लेकर पहुंचा। इस पर आपत्ति जताते हुए पत्नी के वकील राम प्रकाश कुमावत ने इसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करना बताया। 26 जून को अगली सुनवाई पर अदालत ने पति को गिनती के बाद अपनी पत्नी को सिक्के देने की अनुमति दे दी हैं।
बता दें कि फैमिली कोर्ट में एक तलाक का मामला चल रहा है। कोर्ट में पति दशरथ कुमावत को ₹5000 हर महीने मानसिक गुजारा भत्ता देने के लिए निर्देश दिए थे। पिछले 11 महीने से पति अपनी पत्नी को पैसे नहीं दे रहा था। 17 जून को फैमिली कोर्ट संख्या एक के द्वारा उसके खिलाफ वसूली वारंट जारी करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
दशरथ कुमावत जयपुर के हरमाड़ा इलाके का रहने वाला था। पत्नी को पिछले 11 महीने से भरण-पोषण की राशि नहीं दे रहा था। जिसके खिलाफ वसूली वारंट जारी किया गया था। पति के वकील रमन गुप्ता ने कहा पति ने पैसे देने से मना कर दिया, इसलिए पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। छुट्टियों की वजह से फैमिली कोर्ट बंद था। इसलिए उसे अतिरिक्त जिला जज की अदालत संख्या 8 के लिंक कोर्ट में पेश किया गया। जहां दशरथ के परिवार वालों को 55000 रूपये के सिक्के उसकी पत्नी को देने पहुंचे।
उन्होंने कहा कि एक और दो रुपए के सिक्के 7 कट्टो में भरे हुए थे। इस मामले को लेकर पत्नी ने आपत्ति भी जताई। लेकिन पति की तरफ से दलील दी गई कि यह सिक्के वैध मुद्रा है और इन्हें लेने से कोई इनकार नहीं कर सकता। वकील ने कहा 26 जून को फैमिली कोर्ट में अगली सुनवाई पर गिनती के बाद सिक्के देने की अनुमति दे दी गई है। जब तक सिक्के अदालत की सिक्योरिटी में रहेंगे।
उन्होंने कहा कि कोर्ट में पत्नी को सिक्के लेने से पहले पति को सिक्के गिनने पड़ेंगे और एक हजार के पैकेट बनाने पड़ेंगे। सीमा कुमावत के वकील ने बताया कि सीमा कुमावत को सिक्के देना मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के बराबर है।
ALSO READ: सस्पेंड पुलिस अधिकारी को वर्दी में अवैध वसूली करते हुए पुलिस ने पकड़ा, वीडियो सोशल वायरल