India News (इंडिया न्यूज़),Jaipur News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव सर पर है, जिसको लेकर सभी पार्टियां सक्रिय है। ऐसे में कोई भी पार्टी कुछ गलत-सलत बोलेगी तो वो बात हवा के जैसे उड़ जाएगी। लेकिन इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘न्यायपालिका में भ्रष्टाचार’ वाले अपने बयान में कुछ ऐसा बोल दिया जिससे वहां मौजुद लोगों को वह बयान अटपटा लगा। जिसपर चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने माफी मांगने की सुझी। इसके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘न्यायपालिका में भ्रष्टाचार’ वाले अपने बयान पर अब माफी मांगी है।
बता दें कि न्यायपालिका को लेकर दिए अपने विवादित बयान के मामले उन्होंने यह माफी कोर्ट में मांगी हैं। हाईकोर्ट में शिवचरण गुप्ता ने गहलोत के इस बयान को लेकर याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई के दौरान मंगलवार, 3 अक्टूबर को सीएम गहलोत की ओर से जवाब दायर किया गया। राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच में गहलोत के इस जवाब में सफाई देते हुए कहा – ‘जो भी उन्होंने पूर्व में कहा था। वह उनके व्यक्तिगत विचार नहीं है। पूर्व में न्यायाधीशों ने भी कई बार न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर बयान दिए थे। इसको लेकर मैंने भी इन्हीं बयानों को आधार बनाकर अपनी बात कही हैं। फिर भी मेरे बयान से न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंची है तो, मैं माफी मांगता हूं।’
अगर बात करें विवादित बयान की तो, मुख्यमंत्री गहलोत ने गत 30 अगस्त को जयपुर में न्यायपालिका में भ्रष्टाचार होने को लेकर यह विवादित बयान दिया था। उन्होंने यह बयान मीडिया से बातचीत के दौरान दिया था। इसमें उन्होंने कहा – ज्यूडिशियरी में भयंकर भ्रष्टाचार हो रहा है। मैंने सुना है कि कई वकील तो जजमेंट लिखकर ले जाते हैं और बाद में वही जजमेंट आता है।’ उन्होंने कहा – चाहे निचली अदालत हो या ऊपरी अदालत। सब जगह हालात गंभीर हैं। इसको लेकर देशवासियों को सोचना चाहिए। आखिर न्यायपालिका में यह क्या हो रहा है।
30 अगस्त को सीएम अशोक गहलोत की ओर से न्यायपालिका पर की गई टिप्पणी को लेकर हाई कोर्ट ने भी विखे वार किए। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह की खंडपीठ ने सीएम गहलोत के बयान को रिकॉर्ड में लेते हुए 7 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई तय की। इस दौरान शिवचरण गुप्ता ने सीएम गहलोत के खिलाफ याचिका दायर की। इस पर वकील प्रतीक कासलीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पैरवी करते हुए जवाब प्रस्तुत किया। इसके साथ ही पूर्व न्यायाधीशों की ओर से दिए गए बयानों के दस्तावेज भी पेश किए। इस दौरान सीएम गहलोत ने अपने जवाब में न्यायपालिका पर की गई टिप्पणी को लेकर माफी मांगी।
बता दें कि गहलोत की ओर से न्यायपालिका पर दिए गए बयान के बाद राजस्थान में जमकर हंगामा भी हुआ। इसको लेकर राज्य की अदालतों में गहलोत के खिलाफ जमकर प्रदर्शन भी देखने को मिली। इस दौरान वकीलों ने गहलोत के पुतले का दहन भी किया। तो वहीं एक बार काउंसिल ने मुख्य न्यायाधीश को शिकायती पत्र भी भेजें। इसके अलावा कई अधिवक्ताओं ने हाई कोर्ट में गहलोत के खिलाफ याचिका दायर की थी।