India News(इंडिया न्यूज़),Jaipur News: देश दुनिया में कोरोना के चलते इकोनॉमी घटी थी। जिसको उभारने का काम हर देश जोरों पर कर रहा है। तो वही, देश में एक तरफ जहां इकोनॉमी बढ़ रही है तो वहीं कोरोना के बाद हर क्षेत्र में हर देश में आर्थिक रूप से समृद्धि दिख रही है, लेकिन खराब प्रबंधन के चलते राज्य का दूसरा सबसे बड़ा आय अर्जित करने वाला महकमा पिछड़ता दिख रहा है। यहां तक कि राजस्व लक्ष्य अर्जित करने में आबकारी विभाग पिछले साल के मुकाबले अब तक करीब 400 करोड़ रुपए पीछे रहा है।
आपको बता दें कि आबकारी विभाग को राज्य सरकार के लिए राजस्व लाने वाले टॉप 5 विभागों में गिना जाता है। वाणिज्य कर विभाग के बाद आबकारी विभाग ही है जो दूसरा सबसे अधिक राजस्व जुटाता है। लेकिन इस वित्त वर्ष में आबकारी विभाग राज्य सरकार की उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फेरता दिख रहा है। दरअसल इस बार वैसे तो राज्य सरकार ने आबकारी विभाग के लिए राजस्व लक्ष्य को 2 हजार करोड़ और बढ़ा दिया है। जी हां बता दें कि पिछले वर्ष जहां राजस्व लक्ष्य 15 हजार करोड़ था, तो वही, इसे बढ़ाकर इस साल 17 हजार करोड़ रुपए कर दिया गया है, लेकिन आबकारी विभाग राजस्व अर्जन में बढ़ोतरी के बाद भी इसमें गिरावट दर्ज कर रहा है।
बता दें कि अप्रैल से सितंबर तक की पहली छमाही में आबकारी विभाग का राजस्व बढ़ने के बजाय और घटा है। इन आंकड़ों को देखकर राज्य के वित्त विभाग के आला अफसर भी हैरान हैं। आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 अप्रैल से सितंबर तक आबकारी विभाग 6249.13 करोड़ रुपए अर्जित कर सका है। जबकि पिछले साल वित्त वर्ष 2022-23 अप्रैल से सितंबर तक इसी अवधि में विभाग ने 6643.04 करोड़ रुपए कमाए थे।
बता दें कि इस लिस्ट के अनुसार, आबकारी विभाग के ज्यादातर जिले पीछे चल रहे हैं। दरअसल रैंक के लिहाज से बात करें तो आबकारी विभाग के 34 जिलों में अभी तक सिरोही जिला सबसे आगे चल रहा है। जयपुर ग्रामीण आबकारी जिला जो कि पिछले वित्त वर्ष में पूरे राज्य में पहले स्थान पर था, इस बार 22वें स्थान पर चल रहा है। जयपुर शहर आबकारी जिला जो कि पिछले वित्त वर्ष में दूसरे स्थान पर था, इस बार अभी तक 20वें स्थान पर चल रहा है। यानी टॉप राजस्व जुटाने वाले जिलों की ही परफॉर्मेंस सबसे खराब चल रही है।