India News(इंडिया न्यूज़ ) Jaipur Bomb Blast Case Jaipur : जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले में चार आरोपियों को बरी करने के राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली पीड़िता के परिवार के सदस्यों की याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया है। जयपुर में सीरियल बम ब्लास्ट में जान गंवाने वालों के पीड़ित परिवार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक से इनकार कर दिया है, जिसमें आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही हाईकोर्ट के आदेश की समीक्षा करने के लिए भी रजामंदी दे दी है।
याचिकाकर्ताओं ने आरोपियों को बरी करने का किया विरोध
कुल आठ एफआईआर दर्ज की गईं, जिनमें से चार कोतवाली पुलिस स्टेशन, जयपुर में दर्ज की गईं और बाकी चार मानक चौक पुलिस स्टेशन, जयपुर में दर्ज की गईं। “वर्तमान अपील बड़ी संख्या में निर्दोष नागरिकों और उनके परिवारों की दुर्दशा का प्रतिनिधित्व करती है जो सीरियल बम धमाकों के शिकार थे और जो उस आदेश से उत्पन्न होने वाले गंभीर अन्याय का सामना करने की स्थिति में रह गए हैं जिससे न्याय की प्रतीक्षा करने के बाद अधिक से अधिक याचिका में कहा गया है कि 14 साल, दोषी अभियुक्तों को उच्च न्यायालय द्वारा कानून के घोर दुरूपयोग के आधार पर बरी कर दिया गया है।
बता दें 13 मई 2008 को जयपुर में सिलसिलेवार आठ बम धमाके हुए थे जबकि नौवां बम जिंदा बरामद किया गया था। इन सीरियल बम धमाकों में 71 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 185 लोग घायल हुए थे। जयपुर जिला विशेष न्यायालय ने 20 दिसंबर 2019 को चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ दोषियों ने हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को पलटते हुए पुख्ता सबूत के अभाव और जांच में कमजोरियां और कमियां बताते हुए दोषियों को बरी कर दिया। हाईकोर्ट डिविजनल बेंच ने कहा था कि मामले में जांच एजेंसी को उनकी लापरवाही, सतही और अक्षम कार्यों के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। मामला जघन्य प्रकृति का होने के बावजूद 71 लोगों की जान चली गई और 185 लोगों को चोटें आईं, जिससे न केवल जयपुर शहर में, बल्कि हर नागरिक के जीवन में अशांति फैल गई।