India News (इंडिया न्यूज़),Jaipur: अमूमन कोर्ट परिसर में आप सभी ने खाकी वर्दी में पुलिसकर्मियों, काले कोट पहने वकीलों और परिवादियों को आते जाते देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी भैंस को कोर्ट में पेश होते देखा है? अगर देखा भी होगा तो वो भी केवल फिल्मों में ही देखा होगा। हालांकि साल 2015 में आई फिल्म ‘मिस टनकपुर हाजिर हो’ में कुछ ऐसा ही दृश्य दिखाया गया था, जहां भैंस को कोर्ट में पेश किया जाता है। लेकिन अब राजस्थान की राजधानी जयपुर के पास स्थित चौमू कोर्ट से एक ऐसा ही अजीबोगरीब मामला सामने आया है। इस मामले में एक भैंस को कोर्ट में पेश किया गया। न्यायालय में पेश करने के लिए पहले इस भैंस को जयपुर से चौमू कोर्ट परिसर में लाया गया। फिलहाल भैंस का मेडिकल नहीं हुआ है। ऐसे में इस भैंस को अगली तारीख पर फिर से कोर्ट में आना पड़ सकता है।
आपको बता दें कि यह अजीब- गरीब मामला जयपुर कमिश्नरेट के हरमाड़ा थाना इलाके का है। करीब दस साल पहले हरमाड़ा इलाके में रहने वाले चरण सिंह शेखावत की भैंस चोरी हो गई थी। परिवादी ने हरमाड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मुकदमा दर्ज होने के कुछ दिनों बाद ही भरतपुर पुलिस ने लावारिस हालत में भैंस को पकड़ा। जानकारी मिलने पर हरमाड़ा पुलिस ने परिवादी को सूचना दी और भैंस को देखने के लिए भेजा। परिवादी चरण सिंह ने भैंस को पहचान लिया जिसके बाद पुलिस ने भैंस को चरण सिंह के सुपुर्द कर दिया। क्योकि चोरी का यह मामला राजस्थान के हरमाड़ा थाने में दर्ज था। जब जांच चली तब कई सालों बाद परिवादी को कोर्ट का समन मिला कि भैंस कौनसी थी। उसे पेश किया जाए। फिर क्या था। परिवादी चरण सिंह भैंस को पिकअप गाड़ी के जरिए चौमू कोर्ट परिसर तक पहुंच गया। सरकारी वकील ने भैंस को देखा। परिवादी से भैंस के बारे में जानकारी ली और फिर मौखिक रूप से बातचीत कर सरकारी वकील ने न्यायालय के सामने अपना वक्तव्य रखा।
कानून प्रक्रिया से गुजरने वाली भैंस का फिलहाल कोई मेडिकल नहीं हुआ है। इसके साथ ही भैंस का सत्यापन भी नहीं हुआ है। फिलहाल यह भैंस परिवादी के कहे अनुसार ही अस्थायी रूप से उसके सुपुर्द की गई है। कानूनी रूप से परिवादी को अभी तक भैंस सुपुर्द नहीं की गई है। कानूनी प्रक्रिया के चलते दस साल हो गए हैं। अभी तक यह भी नहीं पता कि यह मामला कोर्ट में कब तक चलेगा और कानून सुपुर्दगी परिवादी को कब मिलेगी। खैर न्यायालय में सुनवाई जारी है।