India News (इंडिया न्यूज), Indian Constitution: भारतीय संविधान, जिससे भारत का हर नागरिक इसके नियम कानून से चलता है। इसके अलावा जो हर भारतीय को अपना लोक तांत्रिक अधिकार देता है। जिसे आज तक बड़े से बड़ा मंत्री या नेता कोई भी बदल नही पाया। लेकिन उदयपुर के अंतर्राष्ट्री कलाकार इकबाल सक्का ने ये कारनामा कर दिखाया। जी हां उदयपुर के अंतर्राष्ट्री कलाकार इकबाल सक्का ने भारतीय संविधान को नया रूप दिया है। दयपुर के अंतर्राष्ट्री कलाकार इकबाल सक्का ने विश्व के सबसे लम्बे भारतीय संविधान को आसान कर दिखाया है। उन्होंने भारतीय संविधान को चर्मपत्र पर ढाल कर भारत के संविधान की महिमा का गुणगान 615 शेरों से किया है। संविधान की प्रस्तावना से मूल कर्तव्य तक सभी को शायरी में ढाला है।
बता दें कि इकबाल सक्का ने संविधान का प्रस्तावना से लेकर निति निर्देशक, तत्व मूल कर्तव्य अधिकारों व अधिनियमों के तथ्यो को शामिल किया है। इतना ही नही बल्कि 6 माह में लिखे संविधान को उन्होने संविधान ए-गजल नाम दिया गया है, जिसके प्रथम पृष्ठ संविधान ए गजल को चांदी से तराशा गया है। बता दें कि इसमें 615 शेर सभी पृष्ठों को राजस्थानी और वार्ली स्वयं के द्वारा बनाये गये 120 पृष्ठ को चित्रों से चित्रित करके सजाया गया है।
सक्का ने बताया “प्रत्येक पृष्ठ 58.4 ऊंचा और 47.7 सेंटीमीटर चौड़ा है। चर्मपत्र पर लिखित भारत का मूल संविधान भी 58.4 सेमी. और 477 सेमी का है। संविधान ए गजल का वजन भी भारतीय मूल संविधान के जितना ही पुरा 13 किलो ही रखा गया है। इसे लिखने में 6 महीने लगे है। मूल संविधान भी 6 महीने में लिखा गया। यह गजल में लिखा गया दुनिया का पहला और सबसे लम्बा धर्मपत्र पर हस्तलिखित संविधान ए गज़ल है।”
सक्का का कहना हैं “वैसे तो हमारे सबके अलग अलग धार्मिक ग्रंथ हैं गीता, कुरान, बाइबल, गुरुग्रन्थ, लेकिन भारतीय संविधान का मुकाम अलग है। इसलिये इसे लिखने में भी उतनी ही पवित्रता का ख्याल रखा गया है, जितना मूल संविधान को लिखने में रखा गया था। संविधान हर भारती के लिये गर्व का विषय है।”