(कोटा): राजस्थान के कोटा जिले में रविवार यानी 13 नवंबर को हुए तीन अलग-अलग हादसों में सात लोग नहर और चंबल नदी में डूब गए. इनमें से चार लोगों की मौत हो चुकी है. तीन लोगों की तलाश जारी है. एक ही दिन में नहर में सात लोगों के डूबने की हुई सिलसिलवार घटनाओं से जिले में सनसनी फैल गई.
पुलिस और राहत एवं बचाव कार्य करने वाली एसडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं. हादसे के शिकार हुए लोगों के घरों में कोहराम मचा हुआ है. कोटा-बूंदी सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और मंत्री शांति धारीवाल ने घटनाओं पर दुख जताया है.
जानकारी के अनुसार कोटा में सात लोग तीन अलग-अलग हादसों में नहर और नदी में डूबे हैं. एक के बाद एक हुई इन घटनाओं से पुलिस और प्रशासन में भी हड़कंप मच गया. पहला हादसा सुल्तानपुर थाना इलाके के डाबर गांव में हुआ. वहां 3 चचेरी बहने नहर में नहाते समय डूब गईं.
इनमें दो के शवों को बाहर निकाल लिया गया है. जबकि उनकी एक बहन अभी लापता है. इस हादसे में अर्चना (16) पुत्री युधिष्टर निवासी डाबर और उसकी बुआ की लड़की राधा (18) पुत्री सत्यनारायण निवासी खेड़ली महादीप की मौत हो गई. उनकी तीसरी बहन नन्दनी (12) पुत्री धनराज निवासी डाबर की तलाश जारी है.
दूसरी घटना भी सुल्तानपुर थाना इलाके के नोताडा में अमरपुरा रोड़ स्थित नहर में हुई. वहां भी नहाते समय दो बच्चे डूब गए. इनमें से एक बच्चे को लोगों ने बचा लिया. लेकिन वह बच्चा वहां किसी को कुछ जानकारी दिए बिना ही भाग गया.
नहर किनारे पड़े बच्चे के कपड़ों का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के आधार पर पुलिस व स्थानीय ग्रामीण बच्चे की तलाश में जुटे. गोताखोर टीम को मौके पर बुलाया गया. लापता बच्चे की पहचान सूरज (15) के रूप में हुई.
तीसरी घटना कोटा शहर के आरकेपुरम थाना इलाके में हुई. वहां चंबल नदी में हैंगिंग ब्रिज के पास अप स्ट्रीम में राहगीरों ने एक युवक को नदी में कूदते देखा. सूचना पर पुलिस और निगम गोताखोर की टीम मौके पर पहुंची.
नदी में डूबे व्यक्ति के शव को बाहर निकाल लिया गया है. रेस्क्यू के दौरान गोताखोर टीम को 48 घंटे पुराना एक और शव मिला. फिलहाल दोनों शवों की शिनाख्त नहीं हुई है. उन्हें एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है.