(जयपुर): जलजीवन मिशन में राजस्थान लगातार पिछड़ता जा रहा है। 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में राजस्थान 31वें नंबर पर है। सरकारी अधिकारियों के जल जीवन मिशन में दिलचस्पी नहीं लेने के कारण हर घर जल पहुंचाने का लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका है।
कुल एक करोड़ घरों में नल के कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन अब तक मात्र 28 लाख घरों में ही पानी के कनेक्शन दिए जा सके हैं। जानकारी के अनुसार राजस्थान में अब तक 26.31 प्रतिशत काम ही हुआ है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की रैंकिंग में राजस्थान की स्थिति अन्य प्रदेशों की तुलना में नीचे होने को लेकर जलदाय विभाग के अधिकारी जवाब देने को तैयार नहीं है। राजस्थान में अब तक मात्र 26.31 फीसदी ही काम हुआ है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की रैंकिंग के अनुसार गोवा, तेलंगाना, पुड्डुचेरी सहित छह ऐसे राज्य व केंद्र शासित प्रदेश है, जहां सौ फीसदी घरों को नल से पानी देने के लिए कनेक्शन मुहैया करवाए गए है।
वहीं, हरियाणा, पंजाब, बिहार और गुजरात आदि राज्यों में 70 से 99 फीसदी तक प्रगति हुई है। 28 लाख नल के कनेक्शन जारी कर 1526 गांवों में पाइप से सौ फीसदी पानी पहुंचाया गया है। जबकि राजस्थान के पड़ोसी राज्या में शत प्रतिशत नल के कनेक्शन वाले गांवों की संख्या 15 हजार से ज्यादा पहुंच गई है।
गुजरात में 16,218, पंजाब में 11,933, हरियाणा में 6,803, मध्यप्रदेश में 5,521, उत्तरप्रदेश में 3,010 गांव सौ फीसदी नल के कनेक्शन वाले हैं।
जलदाय मंत्री महेश जोशी का कहना है कि मिशन की शुरुआत के समय राजस्थान में मात्र 11 फीसदी ग्रामीण परिवारों के पास ही नल के कनेक्शन थे। उस समय गुजरात में 71 फीसदी, गोवा में 75, पंजाब में 49, हरियाणा में 57, पुडुचेरी में 81, हिमाचल प्रदेश में 44, महाराष्ट्र में करीब 34 फीसदी घरों में नल के कनेक्शन पहले से ही थे, जो राजस्थान के मुकाबले काफी ज्यादा थे।
उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक तीन लाख से ज्यादा घरों में नल के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मिशन की गाइडलाइन दिसंबर 2019 में जारी की थी।उससे पहले तक प्रदेश में हर घर जल कनेक्शन वाले परिवारों की संख्या 11 लाख 74 हजार 131 थी।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय हमें पिछड़ा मानता है जबकि हमने काफी काम किया है। मंत्रालय हमें निरुत्साहित करने की कोशिश कर रहा है।