Udaipur: राजस्थान में उदयपुर जिला कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर अगले 2 महीने तक कोई भी सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी धर्म से संबंधित झंडे लगाने पर रोक लगा दी है। जिला प्रशासन के आदेश के बाद बीजेपी ने गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला है। पिछले साल कन्हैया लाल दर्जी हत्याकांड के बाद चर्चा में आया राजस्थान का उदयपुर जिला एक बार फिर सुर्खियों है जहां जिला प्रशासन ने सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा निर्णय लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक उदयपुर जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने एक आदेश जारी कर कहा है कि अगले 2 महीने तक कोई भी सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी धर्म से संबंधित झंडे प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं लगाए जा सकते हैं। वहीं सरकारी भवन, इमारत या पार्क झंडे लगाए दिखे तो कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है।
हनुमान जयंती के मौके पर जिले में धार्मिक स्थलों पर पुलिस का जाब्ता बढ़ाया गया है। बता दें कि जिला कलेक्टर ने यह आदेश बुधवार की देर रात जारी किया था। आदेश जारी होने के बाद बीजेपी ने गहलोत सरकार को घेरते हुए तुष्टिकरण के आरोप लगाए हैं। इसके अलावा जिला कलेक्टर के इस आदेश को बीते 23 मार्च को गांधी मैदान पर हुई बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री की सभा से भी जोड़कर देखा जा रहा है। मालूम हो कि सभा में कुंभलगढ़ पर एक विशेष धर्म के झंडे लगाने के दिए बयान के बाद पुलिस ने कुंभलगढ़ पर भगवा झंडा लेकर पहुंचे 5 लोगों को गिरफ्तार किया था।
वहीं उदयपुर जिला कलेक्टर के इस आदेश के बाद बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी की प्रतिक्रिया सामने आई है। दरसअल जोशी ने कहा कि गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मेवाड़ महाराणा प्रताप की धरती है जहां पर भगवा झंडे लगाने पर रोक लगा दी गई है, क्यों भगवा झंडे में क्या गलत है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करे।
यह भी पढ़े: राजस्थान में बीजेपी ने 44वां स्थापना दिवस मनाने की पूरी तैयारियां, कार्यकर्ताओं में दिखा उत्साह