डूंगरपुर: (Hanumangarhi Temple of Ayodhya) देशभर में आज हनुमान जयंती का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। देश के हर मंदिरों में जगह-जगह भगवान हनुमान के भक्तो का हुजूम उमड़ रहा है। आपने हनुमान जी के हजरों मंदिर देखें होंगे लेकिन आज हनुमान जयंती के पर्व पर हम आपको ले चलते डूंगरपुर खेड़ापति हनुमानजी के मंदिर। इस मंदिर की खासियत यहां की मूर्ति है जोकि अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर का ही स्वरूप है।
दोनों का नैन—नक्श एक समान है। ये मंदिर डूंगरपुर के लोगों के लिए आस्था केंद्र हैं। माना जाता है कि यहां लेगें की मनोकामना पूरी हो जाती है इसलिए दूर दराज से लोगों यहां दर्शन करने आते हैं। खेड़ापति मंदिर को लेकर लोगों की यह मान्यता है कि जो भी यहां सच्चे मन से भगवान हनुमान से कुछ मांगता है तो उसकी मुराद हमेशा पूरी होती है।
मंदिर के इतिहास के बारे में पंडित भालचंद्र रावल और उमेश रावल बताते हैं कि, खेड़ापति हनुमान मंदिर 100 साल से भी पुराना है। इसमें विराजमान हनुमानजी की मूर्ति स्वयंभू हैं। वहीं, हर साल खेड़ापति हनुमान जी मूर्ति का आकार बढ़ता रहता है। धार्मिक मान्यताओं की मानें तो इस मंदिर में कोई भी भक्त अगर हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाता है तो उसे सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिलती जाती है। यहां पर मुख्य मंदिर में हनुमान के साथ लक्ष्मी माता की मूर्ति लगी हुई है।
खेड़ापति हनुमान मंदिर में हर मंगलवार को रात 8 बजे सुंदरकांड पाठ होता है बाद में आरती व प्रसाद का वितरण किया जाता है। इसी तरह प्रत्येक शनिवार शाम को 7 बजे आरती व 8 बजे सुंदरकांड पाठ किया जाता है। तो वहीं, हनुमान जयंती पर यहां पर विशेष आयोजन किया जाता है जिसमें सुबह 10 बजे पूजा अर्चना के बाद 3बजे नारियल होमवर्क छप्पन भोग और 7 बजे महाआरती होती है। हनुमान जयंती पर भगवान विशेष श्रृंगार भी होता है। हनुमान जी के आकर्षक दर्शन के साथ ही रात 8 बजे सुंदरकांड पाठ व उसके उपरांत महाआरती का प्रसाद वितरण होता है।