जयपुर: (Gurjar Aarakshan) राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव है। इसी को देखते हुए गुर्जर समुदाय आरक्षण का लाभ नहीं मिलने से सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। गुर्जर समुदाय पहले पूर्व सीएम सचिन पायलट से मुलाकात, फिर इसके बाद एक दर्जन विधायकों से मिले और अब सीधे विरोध की चेतावनी दे रहे है। जिसके बाद अब विधायकों ने सीएम को खत लिखकर प्रक्रियाधीन भर्ती में नियुक्तियां पूरी करने का आग्रह किया। विधायकों ने चिट्टी में लिखा कि रीट भर्ती 2018 में शेष बचे अभ्यर्थियों को 372 पदों पर समझौते के अनुसार नियुक्ति दी जाए।
पायलट समर्थक विधायक इंद्राज गुर्जर, जोगिंदर अवाना, शकुंतला रावत, सुखराम विश्नाई, राजकुमार शर्मा समेत कई विधायकों ने सीएम को खत लिखा। इसके अलावा बेरोजगार एकीकृत महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव ने भी अभ्यर्थियों का समर्थन करते हुए नियुक्ति देने का आग्रह किया। सरकार के विधायकों द्धारा चिट्ठी लिखे जाने के बाद गुर्जर नेता विजय बैंसला ने इंद्राज गुर्जर पर जमकर कटाक्ष किए।
इस दौरान बैंसला ने कहा कि देर आए दुरूस्त आए। जिस पर इंद्राज गुर्जर ने भी पलटवार करते हुए मीटिंग में नही बुलाए जाने की बात कही थी। हर बार की तरह इस साल भी चुनावी साल है और ऐसे में विपक्ष पार्टी के नेता एक दूसरे पर वार पलटवार करेंगे, क्योकि प्रदेश में 9 प्रतिशत गुर्जर आबादी है।
आपको बता दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव में गुर्जर वोट की अहमियत बढ़ गई है। इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों की नजर गुर्जर समुदाय के वोटर्स पर गढ़ी हुई है। विधानसभा चुनाव में राजस्थान की 50-55 सीटों पर गुर्जर जातियों का प्रभाव माना जाता है। इसलिए दोनो पार्टियां गुर्जर वोटर्स को रिझाने की कोशिश कर रही है। राजस्थान के 15 जिलों में गुर्जर समाज का वर्चस्व है। भरतपुर, भीलवाड़ा, झालावाड, ,बांरा, धौलपुर,करौली,सवाई,माधोपुर,जयपुर,टोंक,दौसा,कोटा,बूंदी,अजमेर और झुंझुनू जिलों को गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है।
ऐसे में करीब 20-22 सीटों पर गुर्जर जाति के वोट प्रभावित करती है। 2018 के विधानसभा चुनाव में गुर्जर समाज से 8 विधायक जीत कर विधानसभा के सदन तक पहुंचे।7 उम्मीदवार कांग्रेस के टिकट पर जीते। एक प्रत्याशी जोगिन्दर सिंह अवाना बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीतकर विधानसभा का सदस्य बने।
सभी बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय कर लेने के बाद विधानसभा में 8 गुर्जर समाज के सदस्य हो गए।राजस्थान विधानसभा 2018 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर गुर्जर समाज का एक भी विधायक जीत दर्ज कर विधानसभा नहीं पहुंच पाया। बीजेपी ने 9 गुर्जर समुदाय के लोगों को प्रत्याशी और कांग्रेस ने 12 गुर्जर समाज के प्रत्याक्षियों को टिकिट दिया था। बीजेपी और कांग्रेस दोनो पार्टियों ने गुर्जरों में पकड बनाने की कोशिश में लगी है।पहले प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने भगवान देवनारायण की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश किया,वहीं पीएम नरेंद्र मोदी गुर्जर समुदाय के आराध्य भगवान देवनारायण जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की।