जयपुर: (Which Color Is Good For The Day) कल यानी की 22 मार्च से नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। इस पावन अवसर पर हर कोई मां दुर्गा की प्रतिमा की पूजा कर फल पाना चाहता है। ऐसे में माता के पसंदीदा रंग पहनकर उनकी पूजा आराधना करना भी काफी प्रभाव डालता है। ऐसे में आज की इस रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि नवरात्रि के 9 दिन किस रंग के वस्त्र पहनने से माता प्रसन्न हो सकती हैं।
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री अवतार का पूजन किया जाता है। माता की पूजन के समय उनका पसंदीदा रंग पहनना काफी शुभ माना जाता है। ऐसे में माता का शुभ रंग सफेद है। जो शुद्धता और शांति का प्रतीक है। तो नवरात्रि के पहले दिन सफेद रंग के वस्त्र पहनना काफी शुभ माना जाए।
नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी अवतार का पूजन किया जाता है। माता का पसंदीदा रंग लाल है। जिसे बेहद शुभ माना जाता है। लाल रंग को साहस, पराक्रम और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लाल पहनकर माता की पूजन को करना और भी शुभ होता हैं।
नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के मां चंद्रघंटा अवतार की आराधना की जाती है। इस दिन नारंगी रंग के वस्त्र पहनना काफी शुभ माना जाता है। जो ऊर्जा और संचार का प्रतीक है।
नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के कूष्मांडा अवतार का पूजन किया जाता है। इस दिन पीले रंग के वस्त्रों को पहनना अति शुभ माना जाता है। पीले रंग के वस्त्रों का मतलब उमंग का प्रतीक है।
नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता अवतार की आराधना की जाती है। इस दिन हरे रंग के वस्त्रों को पहनना अति शुभ माना जाता है। जो ऊर्जावान और मदद करने का प्रतीक है।
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यानी की पूजा की जाती है। इस दिन स्लेटी या फिर भूरे रंग के वस्त्रों को पहना अति शुभ माना जाता है। इससे बुराइयों का नाश होता है।
नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के मां कालरात्रि अवतार का पूजन किया जाता है। इस दिन नीले रंग के वस्त्रों को पहनना अति शुभ होता है। जिससे निडरता आती है।
नवरात्रि के आठवें दिन जिस दिन महा अष्टमी पूजन होता है। उस दिन महागौरी की पूजा होती है। इस दिन जामुनी रंग के कपड़े पहनना अति प्रिय माना जाता है। इस दिन कई लोग कन्या पूजन विधि भी करते हैं।
नवरात्रि का नौवां और आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री के पूजन के लिए होता है। इस दिन गुलाबी रंग के वस्त्रों को पहनना अति शुभ माना जाता है। इसी दिन नवमी पूजन होता है और कन्या विधि भी इसी दिन की जाती है।