धौलपुर(Government job of 80% students): गरीब परिवार के बच्चों का 12वीं तक पढ़ना ही परिवार वालों के लिए किसी चुनौती से कम नही होता है। लेकिन जब बात 12वीं के बाद या ग्रेजुएशन के बाद कंपटीशन की पढ़ाई करने की आती है तो आर्थिक कमजोर परिवार बच्चों को कंपटीशन कोचिंग कराने में असमर्थ दिखाई देता है।
ऐसे बच्चों के सपनों को साकार करने के लिए जिले के सरमथुरा उपखंड में ‘सोच बदलो गांव बदलो’ टीम ने अनूठी पहल करते हुए निशुल्क उत्थान कोचिंग की शुरुआत कर दी है। जिसके चलते अब सरकारी सेवा की तैयारी करने वाले सभी समाजों के बच्चों को निशुल्क कोचिंग दी जाएगी।
निशुल्क कोचिंग के व्यवस्थापक रामपाल मीणा ने बताया कि हमारा मुख्य उद्देश्य है कि जो छात्र आर्थिक हालातों के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पाते हैं। क्योंकि प्राइवेट कोचिंगों की अधिक फीस देने की उनके परिवार की क्षमता नहीं होती है। ऐसे बच्चों के लिए हमने निशुल्क कोचिंग की शुरूआत की है। हमारा उद्देश्य सभी वर्गों के गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान उन्हें शिक्षित बनाना है।
संस्था के सचिव ने कहा कि जो भी बच्चे इसमें इच्छुक हैं। वह अपने अभिभावक के संग निशुल्क कोचिंग के कार्यालय सरमथुरा पर आएं। साथ में अपना आधार कार्ड और अभिभावक का आधार कार्ड और एक पासपोर्ट साइज फोटो लेकर आएं।
संस्था के सचिव ने बताया कि निशुल्क कोचिंग में भाग लेने वाले छात्र- छात्राओं को 100 रुपए जमा कराने होंगे जो आईडी कार्ड के लिए हर साल वार्षिक फीस के तौर पर जमा होंगे।
सोच बदलो गांव बदलो टीम के सचिव मीणा ने बताया कि 2017 में हमारी निशुल्क कोचिंग की मुहिम की शुरुआत डॉक्टर सतपाल व्दारा की गई थी। हमारी यह मुहिम धीरे-धीरे रंग भी ला रही है। हमारी इस मुहिम के जरिए करौली, बाड़ी, सरमथुरा जिले में भी निशुल्क कोचिंग संचालित है।
जहां हजारों की तादात में गरीब परिवारों के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं। जिनमें से 80 प्रतिशत छात्र-छात्राओं का सरकारी सेवा में चयन हो चुका है। निशुल्क कंपटीशन कोचिंग की इस मुहिम में हमारे लिए सभी समाजों के कर्मचारी, सरकारी अधिकारी और भामाशाह तन-मन-धन से सहयोग करते हैं।