जयपुर: (Sachin Pilot’s first speech) राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक है। ऐसे में चुनाव प्रचार को लेकर सभी पार्टियां जुटी हुई है। अगर बात करें प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की, तो राजस्थान की सियासत में कांग्रेस नेता सचिन पायलट की उम्र भले ही अन्य दिग्गज नेताओं से कम हो लेकिन उनका राजनीतिक अनुभव सालों पुराना है। उन्होंने बचपन में ही अपने माता-पिता के साथ सियासी जगत में कदम बढ़ा दिए थे।
सचिन आज अपनी पैतृक सियासी विरासत को बखूबी अंदाज में संभाल रहे हैं। पिता राजेश पायलट और मां रमा पायलट से मिले बड़े सियासी अनुभव से ही पायलट राजस्थान की राजनीति में ऊंची उड़ान भर पाए हैं। इसी बीच सचिन पायलट जयपुर के महाराज कॉलेज में युवाओं के बीच पहुंचे, जहां उन्होने अपनी स्कूल लाइफ का जिक्र करते हुए राजनीतिक अनुभव को साझा किया।
उन्होने बताया कि जब वो 13 साल के थे। तब उन्होंने अपना पहला भाषण दिया था। बात वर्ष 1990 की है, जब उनकी मां रमा पायलट बूंदी जिले के हिंडोली से चुनाव लड़ रही थी। सचिन स्कूल की छुट्टी लेकर अपनी मां का चुनाव प्रचार देखने गए थे। उन दिनों नई-नई जिप्सी आई थी, मैं ठंड के वक्त गाड़ी में बैठा हुआ था। इस दौरान स्थानीय नेताओं ने देखा कि रमा पायलट का बेटा भी गाड़ी में आया है तो बुलाकर मंच पर बैठा दिया। मैं चुपचाप जाकर मंच पर बैठ गया। चारों तरफ बड़े बड़े पोस्टर्स और होर्डिंग्स लगे हुए थे।
हजारों लोगों की भीड़ थी और मंच पर भी कई बड़े नेता बैठे हुए थे। इसी दौरान मंच संचालक ने माइक में बोला कि हमारे बीच रमा पायलट जी के पुत्र भी आए हुए हैं, वे भी सभा को संबोधित करते हुए दो शब्द कहना चाहते हैं। जब स्टेज पर उनका नाम पुकारा गया था तो वो हक्के बक्के रह गये थे। इस दौरान वो पहली बार माइक पकड़ने पर भी घबरा गये थे।
पायलट ने बताया, “उस चुनावी सभा में सरपंच ने मेरी मां को बुलाने से पहले मेरा नाम लिया और कहा कि अब सचिन जी आपको दो बात बोलेंगे। मेरे हाथ में माइक भी पकड़ा दिया। मैं पहली बार स्कूल से छुट्टी लेकर गया था। मैंने सोचा मां का चुनाव प्रचार देखकर आते हैं कि क्या हो रहा है। मंच पर मेरे हाथ में माइक था, सामने बैठे लोग मेरा मुंह देख रहे थे। मैंने डेढ या दो मिनट भाषण दिया। उस वक्त मेरे हाथ और पैर दोनों कांप रहे थे, सोच रहा था कि मैं क्या बोलूं। हिम्मत करके मैंने यही बोला कि आप सब मिलकर मेरी मां को जिताओ।
हम सब मिलकर आपकी सेवा करेंगे। इसके बाद मैंने माइक वहीं पटका और यह कहकर भाग गया कि मैं पढ़ने के लिए जा रहा हूं।” लेकिन अब सचिन पायलट का मुकाबला कोई नही कर सकता। यह बात उन्होने खुद बोली थी। सचिन पायलट ने कहा था कि अब जब वे चुनाव प्रचार करने जाते हैं तो बेबाकी से बोलते हैं। चुनाव में सामने बीजेपी वाले होते हैं, आप सब जानते हैं कि जब में चुनाव प्रचार करता हूं तो सामने वाले का धुंआ निकाल देता हूं।
इस दौरान पायलट ने कहा था कि राजनीति में रहते हुए उन्होंने कभी किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की। ऐसा कोई व्यक्तिगत आक्षेप नहीं लगाया जिससे कि उनके जमीर को ठेस पहुंचे। अपने विरोधियों के लिए कभी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जो शब्द में अपने लिए नहीं सुनना चाहता। पायलट ने कहा कि यह मेरा फार्मूला है कि जो शब्द,, जो बात आप अपने लिए नहीं सुनना चाहते, वह औरों के लिए नहीं बोलना चाहिए।
प्रदेश की सियासत में सचिन पायलट को सीएम बनाने की चर्चाएं तेज हैं। सचिन खुद भी सीएम बनने के लिए लंबे अरसे से संघर्ष कर रहे हैं। सीएम पद को लेकर राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच टकराव भी है। दोनों नेता एक-दूसरे पर आए दिन निशाना साधते रहते हैं। दोनों नेताओं की बयानबाजी से कांग्रेस में बिखराव नजर आता है।