इंडिया न्यूज़, जयपुर।
Former Deputy Chief Minister Sachin Pilot : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच रिश्तों की खटास अभी दूर नहीं हो पाई है। गहलोत व पायलट सीधे तौर पर तो एक-दूसरे के खिलाफ बोलने से बचते रहे हैं, लेकिन वक्त-बेवक्त दोनों इशारों-इशारों में एक-दूसरे पर तंज कसने में पीछे नहीं हट रहे हैं। करीब चौदह दिन पहले मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से पायलट को अपनी सिफारिश पर केन्द्र में मंत्री बनाने संबंधी बयान का पायलट ने जवाब दिया। महारानी कॉलेज (Maharani College) में आयोजित वार्षिकोत्सव के दौरान पायलट ने बिना नाम लिए गहलोत को साफ कह दिया कि उनके पुत्र वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) को लोकसभा का टिकट उनकी सिफारिश पर मिला था। (Former Deputy Chief Minister Sachin Pilot)
पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जब अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) मुख्यमंत्री बने थे, तो कांग्रेस आलाकमान लोकसभा चुनाव में वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) को टिकट देने का इच्छुक नहीं था। उसकी वजह ये थी कि एक तो जोधपुर सीट से पैनल में वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) का सिंगल नाम था, दूसरा वे मुख्यमंत्री के बेटे थे, लेकिन गहलोत नए-नए मुख्यमंत्री बने थे उनका मनोबल कमजोर नहीं हो, इसी के चलते उन्होंने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को कहकर वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) को लोकसभा का टिकट दिलवाया था। हालांकि वैभव चुनाव हार गए। वैभव जोधपुर सीट से बड़े अंतर से चुनाव हारे, जबकि तब के मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के बेटे लोकसभा का चुनाव जीते। एमपी में कांग्रेस ने इकलौती सीट कमलनाथ (Kamal Nath ) के बेटे ने जीती थी, जबकि राजस्थान में सभी 25 सीटों पर कांग्रेस हारी थी। वैभव उनकी कार्यकारिणी में महासचिव थे। उससे पहले 2014 में भी वे टिकट मांग रहे थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था। (Former Deputy Chief Minister Sachin Pilot)
सीएम गहलोत का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोग राजनीति में कुर्सी से चिपके रहते हैं। ऐसे लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। ठीक से काम नहीं कर पाते और अपने साथ वालों को साथ लेकर नहीं चल पाते। पायलट ने कहा कि मैं राजनीति में काफी कम उम्र में आ गया था। मेरा 20-22 साल का अनुभव है। अगर मैं अपना अनुभव शेयर नहीं करता हूं और लोगों को मौका नहीं दूंगा तथा उनका हाथ पकड़ कर आगे नहीं बढ़ाऊंगा तो फिर मेरा राजनीति में जल्दी आने का क्या फायदा। पायलट ने कहा कि 20 साल में राजनीति काफी बदल गई है। अब युवाओं की उम्मीदें बढ़ गईं हैं। अगर नौजवानों को पार्टी में साथ लेकर आगे नहीं बढ़ेंगे और नई परिपाटी से काम नहीं कर उसी पुराने ढर्रे से काम करेंगे तो जनता का भरोसा नहीं जीत पाएंगे, जनता रिजेक्ट कर देगी। वक्त की दरकार के मुताबिक बदलाव जरूरी है। (Former Deputy Chief Minister Sachin Pilot)
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