India News (इंडिया न्यूज़),Politics News, जयपुर: राजस्थान की सियासत में जमकर घमासान चल रहा है। फिर चाहे वो पार्टी के अंदर हो या बाहर। बीजेपी नेता वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मिलीभगत के आरोपों पर पहली बार पूर्व सीएम की प्रतिक्रिया आई है। राजे ने इशारों ही इशारों में विपक्ष पर जमकर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि विश्नोई समाज के 29 नियमों में से 13वां नियम निंदा नहीं करना और 14वां नियम झूठ नहीं बोलना है, लेकिन कई लोगों को निंदा और झूठे आरोप लगाए बिना नींद ही नहीं आती, लेकिन झूठे आरोप उसी पर लगते हैं, जो विपक्ष की नींद उड़ा कर रखे। वसुंधरा राजे गुरुवार, 20 अप्रैल को सूरतगढ़ पहुंचीं। यहां उन्होंने विश्नोई समाज के जम्भेश्वर मंदिर में कलश स्थापना समारोह को संबोधित किया। राजे ने आगे कहा कि कई लोग षड्यंत्रपूर्वक एक ही झूठ बोलते आ रहे हैं कि ‘वो तो मिले हुए हैं, उनमें तो मिलीभगत हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि जिनसे सिद्धांत नहीं मिलते, जिनसे विचारधारा नहीं मिलती, जिनसे रोज-रोज कर्णभेदी और अमर्यादित भाषा सुनने को मिली हो, उनसे मिलीभगत कैसे संभव है। क्या कभी दूध और नींबू रस आपस में मिल सकते हैं?
पूर्व सीएम ने गे यह भी कहा- विश्नोई समाज के 20वें नियम में है-अहंकार का त्याग। जो नये-नये राजनीतिज्ञों में होता है। हल्दी की गांठ क्या मिल जाती है, पंसारी समझ लेते है। ना छोटों से सद व्यवहार और ना बड़ों का सम्मान। मगर हमारी पार्टी में ऐसा नहीं है। उन्होने आगे कहा कि विश्नोई समाज का 10वां नियम है- क्षमा। पर जो क्षमा करने योग्य ना हो, उसे क्षमा नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि 12वां नियम है-चोरी नहीं करना। भ्रष्टाचार एक किस्म की चोरी ही है, जहां बिना पैसे काम नहीं होते, वहां महंगाई कैसे कम होगी? लगाना ही है तो भ्रष्टाचार राहत कैंप लगाएं। महंगाई अपने आप कम हो जायेगी। राजे ने यह निशाना गहलोत सरकार के महंगाई राहत कैंपों पर साधा। पूर्व सीएम ने आगे यह भी कहा कि संपूर्ण समाज का जो भला कर सके, ऐसे लोगों का ही साथ दो, ताकि हम आपकी फिर से सेवा कर सके।
आपको बता दें कि हाल ही में पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपनी ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई ना होने को लेकर एक दिन का धरना प्रदर्शन किया था। पायलट ने यहां तक कहा था कि मौजूदा सरकार और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मिलीभगत है। पायलट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भ्रष्टाचार के मुद्दों पर राजस्थान के सीएम आशोक गहलोत पर जमकर हमला बोला और अशोक गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार के मामलों में वसुंधरा राजे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप भी लगाया। पायलट का कहना था कि वसुंधरा राजे के शासन के दौरान भ्रष्टाचार के मामलों के खिलाफ अशोक गहलोत सरकार की तरफ से निष्क्रियता बरती गई, जिसके कारण हमारे विरोधी सवाल कर सकते हैं। उसके बाद उन्होंने 11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले की जयंती पर एक दिन का उपवास किया और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर जांच की मांग उठाई थी।
पायलट ने आगे कहा था कि विपक्ष में रहते हुए हमने कड़ा संघर्ष किया था जिसके कारण हम सत्ता में आए। विपक्ष में रहते हुए हमने वसुंधरा राजे सरकार के शासन में भ्रष्टाचार के कई मुद्दे उठाए। हमारी विश्वसनीयता तब होगी जब विपक्ष में रहते हुए हमारे द्वारा पर लगाए गए आरोपों पर जांच और कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस विधायक ने आगे यब भी कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दों को अशोक गहलोत और उन्होंने दोनों ने उठाया था। मैंने 28 मार्च, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा था। हालांकि, मुझे कोई जवाब नहीं मिला। मैंने 2 नवंबर, 2022 को फिर से पत्र लिखकर भ्रष्टाचार के उन मामलों में कार्रवाई की मांग की। – सचिन पायलट के बयान पर राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप खाचरियावास ने कहा, सचिन पायलट पार्टी के लिए एक संपत्ति हैं, अगर वह कोई सवाल पूछ रहे हैं, तो इसका सम्मान किया जाना चाहिए। उनके पास मुद्दों को उठाने का अधिकार है। एक लोकतांत्रिक पार्टी में, हर किसी के पास है। अगर मुझे भाजपा के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना है तो मैं तैयार हूं।