India News (इंडिया न्यूज़), Rajasthan Election News 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में अब केवल चार से तीन महीनों का समय बचा है। ऐसे में सभी राजनीति पार्टियां इन चुनाव को लेकर एक-दूसरे पर लगातार निशाना साध रही है। इस बीच कांग्रेस और बीजेपी के साथ-साथ अब इस लाइन में बसपा भी शामिल हो गई है। इन चुनाव को लेकर अब बसपा भी अपनी पूरी ताकत झोक रही है। जिसको लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने ऐलान किया है कि जिन जिलों ( मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान) में विधनसभआ चुनाव इन जिलों में बसपा अकेले ही चुनावी मैदान में उतरेगी।
बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार यानी 14 अगस्त को ऐलान किया ” बसपा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधनसभआ चुनाव में अकेले ही चुनावी मैदान में उतरेगी। “। उन्होंने आगे यह भी कहा “इन तीनों राज्यों में असली मुद्दे गरीबों, बेरोजगारों, किसानों व महिलाओं का ‘त्रस्त जीवन’ है। इन्हीं मुद्दों पर बसपा अकेले दम पर चुनाव में उतरेगी।बसपा मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव लड़ती आ रही है। पिछली बार पार्टी ने राजस्थान में छह और मध्य प्रदेश में दो सीटें जीती थीं। इनमें ज्यादातर प्रत्याशी ऐसे थे, जो दूसरी पार्टियों से आए थे। जातीय समीकरण फिट बैठने पर वे जीते और बाद में उन्हीं पार्टियों में लौट गए।” इसके बाद बसपा प्रमुख मायावती ने बीती जुलाई को यह भी कहा था “बैलेंस ऑफ पावर बनने पर बसपा सरकार में शामिल हो सकती है। यानी चुनाव बाद गठबंधन के भी संकेत दिए थे, लेकिन अब बसपा ने यह घोषणा कर दी है कि वह अकेले चुनाव लड़ेगी।”
मायावती ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर सिलसिलेवार बयान जारी रखते हुए कहा, “मध्यप्रदेश सरकार में 50% कमिशनखोरी के आरोप को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है। मुकदमों आदि की राजनीति से कमरतोड़ महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, शोषण-अत्याचार आदि जनहित से जुड़े ज्वलंत मुद्दों का चुनाव के समय पीछे छूट जाना कितना उचित है? ऐसा क्यों? भाजपा शासित मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी भ्रष्टाचार अहम मुद्दा है। मायावती ने कहा कि इसके मद्देनजर उम्मीदवारों के नाम भी स्थानीय स्तर पर घोषित किए जा रहे हैं। पार्टी को भरोसा है कि वह अच्छे परिणाम हासिल करेगी।”