इंडिया न्यूज़, जयपुर।
E-Toilet Tender Fraud: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के पुत्र और आरसीए (RCA) चेयरमैन वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) का नाम ई-टॉयलेट टेंडर ठगी मामले में महाराष्ट्र के नासिक में दर्ज हुई एफआईआर (FIR) में आने के बाद इस मामले को लेकर राजस्थान की सियासत भी तेज है। (E-Toilet Tender Fraud)
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हालांकि अब कहा जा रहा है कि आरसीए (RCA) चेयरमैन वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) का नाम भूलवश एफआईआर (FIR) में आ गया था, जिसे अब हटाया जा रहा है। इस मामले को लेकर आज कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) ने कहा कि हम पहले से ही कह रहे हैं कि इस मामले में वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) का कोई लेना देना नहीं है। इसीलिए अब उनका नाम एफआईआर (FIR) से हट रहा है। (E-Toilet Tender Fraud)
प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) ने कहा कि वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) का नाम एफआईआर (FIR) में आने से साबित होता है कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार और भाजपा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के खिलाफ किस तरह के षड्यंत्र रच रही है। ऐसे षड्यंत्र राजस्थान में पहले भी हुए हैं लेकिन के लिए षड्यंत्र कामयाब नहीं हो पाएंगे क्योंकि राजस्थान की जनता इनके षड्यंत्र को समझ चुकी है इसीलिए गहलोत सरकार के साथ खड़ी है। (E-Toilet Tender Fraud)
भाजपा (BJP) विधायक देवनानी (Devnani) ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के बेटे पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की आंच मुख्यमंत्री तक पहुंच रही थी। इसलिए दबाव डालकर बेटे का नाम एफआईआर से हटाया जा रहा है। राजस्थान की गहलोत सरकार पूरी तरीके से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। और आने वाले विधानसभा चुनाव में राजस्थान की जनता सरकार को उखाड़ फेंक देगी। (E-Toilet Tender Fraud)
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