Jaipur: राजस्थान की राजधानी जयपुर में वाहनों की बेतरतीब पार्किंग से ट्रैफिक जाम की समस्या गहराती जा रही है। शहर में चौपहिया वाहन दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन तुलनात्मक व्यवस्थित पेड पार्किंग शहर में उतनी संचालित नहीं की जा रही हैं। जहां पार्किंग लागू है वहां नियमों का पालन नहीं हो रहा है और जहां जरूरत नहीं है वहां पार्किंग लागू करने पर निगम को विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि विद्याधर नगर के व्यापारियों और स्थानीय निवासियों से बात की तो सामने आया कि यहां जिस जगह पर पेड पार्किंग की जरूरत नहीं हैं, वहां इसे जबरन थोपा जा रहा हैं। वहीं पार्किंग स्थलों को तय करने से पहले स्थानीय लोगों की कोई सहमति तक नहीं ली गई।
इधर पेड पार्किंग के लागू नहीं हो पाने के कारण पार्किंग ठेकेदारों को इसका नुकसान झेलना पड़ रहा हैं। निगम वापस पैसा भी नहीं लौटा रहा है और ना ही पार्किंग की जगह पर कब्जा दिला पा रहा हैं। इससे ठेका फर्म को भी नुकसान झेलना पड़ रहा हैं। राजधानी जयपुर के हैरिटेज और ग्रेटर नगर निगम में चालीस जगह पेड पार्किंग संचालित हैं, लेकिन वॉल सिटी में पार्किंग के तीन घंटे में वाहनों को हटाए जाने के नियमों की पालना नहीं हो पा रही हैं। परकोटे में व्यापारियों की गाड़ियां खड़ी रहने के कारण यहां आम लोगों के लिए पार्किंग का स्पेस नहीं हैं।
लिहाजा निगमों को पार्किंग पॉलिसी तय करने की जरूरत बनी है। अब निगम को भी पार्किंग पॉलिसी की जरूरत महसूस हो रही है। बहरहाल शहर में पाकिंग स्थलों को पेड किए जाने से पहले यदि नगर निगम स्थानीय निवासियों के साथ वार्ता करके इन स्थलों पर नॉमिनल पार्किंग शुरू करे तो संभव है कि लोगों का भी समर्थन मिल सकेगा। मगर पार्किंग पर मोटी राशि थोपने और पार्किंग ठेकेदारों की मनमर्जी पर लगाम नहीं हो पाने के कारण व्यवस्थित पार्किंग अब भी बड़ी समस्या बना हुआ हैं जबकि कई जगहों पर अवैध पार्किंग के मामले भी सामने आ रहे हैं।