प्रमोद वशिष्ठ, जयपुर:
उनका जीवन लगभग पांच दशक से पठन-पाठन को समर्पित
Dr. Deepak Singh : वीरों की भूमि राजस्थान में हर क्षेत्र में हस्तियों की कमी नहीं है। इन हस्तियों ने अलग-अलग क्षेत्रों में नित-नए आयाम तैयार कर आमजन को लाभान्वित किया। इस महत्वपूर्ण कड़ी में शिक्षा जगत में जानी-मानी हैं हस्ती हैं मॉडर्न स्कूल के चेयरमैन शिक्षाविद, लेखक, विचारक डॉक्टर दीपक सिंह(Dr. Deepak Singh)। डॉ सिंह का नाम आज राजस्थान के ऐसे शिक्षाविदों में शुमार है, जिन्होंने न केवल राजस्थान बल्कि देश व्यापी ख्याति अर्जित की है। राजस्थान के प्रमुख शिक्षाविदों में सुन्दर लाल पालीवाल मुनीम, भूदेव जोशी, प्रभुदास वैरागी जैसे कई नाम हैं जिन्होंने समयानुसार शिक्षा को नए आयाम दिए।
बदलते समय में आधुनिकता को मध्यनजर रख डॉ दीपक सिंह(Dr. Deepak Singh) ने शिक्षा के लिए बड़ा काम किया व कर रहे हैं। पिछले लगभग पांच दशक के लंबे अंतराल में शिक्षा के क्षेत्र में उनकी सोच नित-नए बदलाव लेकर जन-जन तक पहुंची। कोटा से इस मुहिम का बिगुल “माडर्न स्कूल” के जरिये बजा जो अब “वट वृक्ष” है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ सिंह ने कड़ी मेहनत कर कोटा मॉडर्न स्कूल को न केवल उम्दा शिक्षा बल्कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में शिखर तक पहुंचाया है। खेल गतिविधियों से लेकर बदलते समय की सोच इस स्कूल के विद्यार्थियों में कूट-कूट कर भरी है।
राज्य में इस स्कूल की कई शाखाएं डॉ दीपक सिंह(Dr. Deepak Singh) की देन हैं। इनमें प्रदेश की राजधानी जयपुर में शिप्रा पथ पर मॉडर्न स्कूल का अपना पृथक नाम है। बांरा माडर्न स्कूल, भरतपुर मॉडर्न स्कूल व न्यू कोटा मॉडर्न स्कूल डॉ सिंह की मेहनत से पहली पसंद हैं। कहते हैं, कड़ी मेहनत, दूर दृष्टि व पक्का इरादा हो तो सब सम्भव है। डॉ सिंह ऐसे ही मूलमन्त्रों पर चले।
शिक्षा क्षेत्र के 46 वर्षों में वे बदलते समय के अनुसार चले। अंतरराष्ट्रीय से राष्ट्रीय लेवल के बदलावों की आहट भांप के उन्होंने विद्यार्थियों को उसी राह की नई सोच, मानसिकता दी। मानवीय मूल्यों को वे कभी नहीं भूले। शिक्षा जगत की हस्ती डॉ सिंह “मॉडर्न स्कूल” के चेयरमैन के रूप में ही नहीं बल्कि देश जाने-माने शिक्षाविदों में शुमार है जो अपनी दूरगामी सोच के जरिये शिक्षा को बढ़ावा दे रहे हैं।
इनका योगदान राजस्थान की शिक्षा में चार चांद लगाए हुए हैं। कोटा हो या जयपुर मॉडर्न स्कूल की अलग पहचान है। डॉ सिंह की सोच है कि “लक्ष्य निर्धारण कोई दिमाग का खेल नहीं है। आपने जो करने के लिए निर्धारित किया है, उसे पूरा करने के लिए यह आंतरिक इच्छा शक्ति को विकसित करने की एक प्रक्रिया है। मेरी इच्छा है कि सभी आधुनिकतावादी आंतरिक बाधाओं से परे देखें और सफलता की राह पर आगे बढ़ें।
चुनौतियों का साहस के साथ सामना करें क्योंकि चुनौतियाँ ही ऐसे लक्ष्य हैं जिनका पीछा दृढ़ विश्वास के साथ किया जाता है। इसलिए एक विजन के साथ खुद को आगे बढ़ाएं। मजबूत और स्थिर रहें और अपने आप को इस दुनिया में बदलाव लाने के लिए विकसित मानवीय मूल्यों के साथ विकसित करें।
इन हस्तियों का प्रदेश स्तर पर सम्मान भी होना चाहिए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस बारे में पत्र लिखा जा रहा है। कोरोना जैसे विश्वव्यापी महामारी काल में इनकी सोच से ही शिक्षा-शिक्षक-शिक्षार्थी बचे हुए हैं। मॉडर्न स्कूल जयपुर हो या कोटा-बारां-भरतपुर यहां के शिक्षकों ने डॉ दीपक सिंह(Dr. Deepak Singh) के निर्देशन में कड़ी मेहनत कर विद्यार्थियों का चहुमुंखी विकास नहीं गिरने दिया। बहरहाल, जो हस्ती शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र को अपना जीवन समर्पित किये हुए हैं,उनका सम्मान राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए।
लक्ष्य निर्धारण कोई दिमाग का खेल नहीं है। आपने जो करने के लिए निर्धारित किया है उसे पूरा करने के लिए यह आंतरिक इच्छा शक्ति को विकसित करने की एक प्रक्रिया है। मेरी इच्छा है कि सभी आधुनिकतावादी आंतरिक बाधाओं से परे देखें और सफलता की राह पर आगे बढ़ें। चुनौतियों का साहस के साथ सामना करें क्योंकि चुनौतियाँ ही ऐसे लक्ष्य हैं जिनका पीछा दृढ़ विश्वास के साथ किया जाता है।
इसलिए एक विजन के साथ खुद को आगे बढ़ाएं। मजबूत और स्थिर रहें और अपने आप को इस दुनिया में बदलाव लाने के लिए विकसित मानवीय मूल्यों के साथ विकसित करें। मैं चाहता हूं कि सभी आधुनिक मानवता के मजबूत स्तंभ बनें और जहां भी जाएं सकारात्मकता फैलाएं। आपके शब्दों में अविश्वसनीय शक्ति है, वे आपके विश्वासों को पुष्ट करते हैं और आपके विश्वास आपकी वास्तविकता का निर्माण करते हैं।”
Also Read : BJP Protest Against Lathi Charge in Jaipur मंगलवार को हुए पुलिस लाठीचार्ज के विरोध दे रहे धरना