India News (इंडिया न्यूज़),Jaipur News: गहलोत सरकार ने राज्य की कमान युवा और जोशीले चेहरों के हाथो में सोपी। युवा के हाथो राज्य की कमान होने पर धरातल पर काम होगा और आमजन की समस्याओं का समाधान होने के साथ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का आमजन तक लाभ भी जल्द से जल्द पहुंचेगा। यही कारण है राजस्थान में पुराने जिलों से लेकर नए जिलों में सबसे ज्यादा डायरेक्ट सेवा वाले युवा आईएएस अफसरों के पास जिलों की कमान हैं। इतना ही महिला युवा आईएएस भी जिलों की कमान संभालेंगी।
आपको बता दें कि जोधपुर में हिंमाशु गुप्ता चौथे जिले की कमान संभाले हुए हैं। तो दूसरू तरफ नमित मेहता,भगवती प्रसाद कलाल, सिद्धार्थ सिहाग, आलोक रंजन के पास तीसरे जिले की जिम्मेदारी हैं। जबकि 33 में से 15 जिलों में पहली बार वालों को जिले की कमान दी गई है। इसमें से 6 प्रमोटी और 9 युवा आईएएस है। वहीं 12 अफसर ऐसे हैं जिन्हें दूसरी बार कलेक्ट्री करने का मौका मिला हुआ हैं।
राजस्थान में जिलों की जिम्मेदारी मिलने से युवा आईएएस अधिकारियों का दबदबा लगातार बढ़ रहा है और प्रमोटी आईएएस अफसरों की जिलों में हिस्सेदारी घटती जा रही हैं। प्रदेश के पुराने गठित जिलों से लेकर नए जिलों में डायरेक्ट सेवा वाले युवा आईएएस अफसर कमान अच्छे से संभाले हुए हैं। आपको बता दें कि जिसमें नौ महिला आईएएस भी शामिल हैं। राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के 25 जिलों में 30 से 39 उम्र के युवा अफसर जिलों में कमान संभाले हुए हैं। इनमें से कुछ युवा आईएएस अफसर है, तो ऐसे है जो पहली बार जिलों में कलेक्ट्री कर रहे हैं। कार्मिक विभाग के अनुसार जयपुर और जोधपुर ऐसे जिले हैं जहां सबसे ज्यादा जिलों का अनुभव वाले आईएएस के पास कलेक्ट्री करने का जिम्मा हैं। जयपुर में प्रकाश राजपुरोहित का छठा जिला है जहां उन्हें कलेक्ट्री करने का मौका सरकार ने दिया हैं।
यह अधिकारी नए जिलों के लिए गठित रामलुभाया कमेटी की सिफारिशों पर नए जिलों का खाका खीचेंगे। कमेटी की सिफारिशों का परीक्षण करके नए जिलों का स्वरूप तय करने के लिए सभी प्रस्ताव तैयार करेंगे।