DIBH Technology Available in Rajasthan स्तन और फेफड़े के कैंसर सर्वाइवर्स के जीवन की गुणवत्ता में होगा सुधार

DIBH Technology Available in Rajasthan

इंडिया न्यूज, जयपुर:

DIBH Technology Available in Rajasthan : स्तन व फेफड़े के कैंसर के उपचार के दौरान हार्ट पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को रोकना अब डीप इंस्पीरेषन ब्रेथ होल्ड (DIBH) तकनीक से संभव होगा। प्रदेश में पहली बार भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर(Bhagwan Mahaveer Cancer Hospital and Research Center) में इस तकनीक की शुरूआत की गई है।

रेडिएशन विभाग की निदेशक और वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ निधि पाटनी ने बताया कि यह रेडिएशन थैरेपी विश्व की नवीनतम तकनीकों में से एक है जो भारत के कुछ चुनिंदा सेंटर पर ही उपलब्ध है।

हार्ट को रेडिएशन से बचाती है डीआईबीएच तकनीक (DIBH Technology Available in Rajasthan)

डॉ निधि पाटनी ने बताया आज के समय में स्तन व फेफड़े के कैंसर को मात देकर रोगी सामान्य जीवन बिता रहे हैं। लेकिन इन रोगियों में हार्ट से जुड़ी बीमारियां सामने आने लगी है। जिसका कारण कैंसर उपचार के दौरान हार्ट पर लगने वाला रेडिएशन है। रेडिएशन की एडवांस मशीन में एक अलग डिवाइस की मदद से डीआईबीएच(DIBH) तकनीक का उपयोग कर हार्ट को रेडिएशन से बचाया जा सकता है।

इस थैरेपी के लिए रोगी को कुछ दिनों तक अभ्यास कराया जाता हैं, जिसमें उसे सीखाया जाता है कि रेडिएशन के दौरान उसे किस तरह सांस रोकनी और छोड़नी है। सांस रोकने के दौरान रोगी का हार्ट रेडिएशन लगने वाले कैंसरग्रस्त अंग से दूर हटता है ठीक उसी समय मशीन से रेडिएशन दिया जाता है। इस तकनीक की मदद से स्तन व फेफड़े के कैंसर उपचार के दौरान रोगी के हार्ट को पूर्णत: स्वस्थ रखना संभव है।

20 प्रतिशत तेजी से बढ़ रहा कैंसर (DIBH Technology Available in Rajasthan)

चिकित्सालय अधिक्षक मेजर जनरल डॉ एस सी पारीक ने बताया कि इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) एवं नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफोर्मेटिक्स एंड रिसर्च (NCDIR) की ओर से नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट में बताया गया कि देशभर में कैंसर के आंकडों में तेज वृद्वि हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार 2020 में कैंसर के 13.9 लाख मामले दर्ज हुए, 2025 में यह बढ़कर 15.7 लाख तक पहुंचने की संभावना है। इनमें ओरल, लंग, ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की संख्या अधिक है।

कैंसर से बचाव है संभव (DIBH Technology Available in Rajasthan)

डॉ सुबह पठानिया ने बताया कि कैंसर के शुरूआती लक्षणों की पहचान समय पर हो और नियमित अंतराल के बाद जांच हो तो कैंसर से बचाव संभव है। 40 की उम्र के बाद महिलाओं को स्तन कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राफी और बच्चेदानी के मुंह के कैंसर की जांच के लिए पैप स्मीयर (20 वर्ष की आयु के बाद) हर वर्ष करवानी चाहिए।

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Amit Gupta

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