(जयपुर): राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट पर सीधा हमला बोलकर सियासी तूफान ला दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है। उन्होंने सचिन को साफ तौर पर गद्दार बताते हुए सवाल उठाया कि प्रदेश का अध्यक्ष रहते हुए जिसने पार्टी से बगावत की वह कैसे सीएम बन सकता है?
दो दिन पहले एक न्यूज चैनल को पाली में दिए इस इंटरव्यू के टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। राजनीति के धुरंधर अब इस बात की थाह पाने का प्रयास कर रहे हैं कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश एवं गुजरात चुनाव से ठीक पहले सचिन को निशाने पर लेना आखिर गहलोत की किस रणनीति का हिस्सा है।
वैसे, गहलोत ने 23 मिनट के इस साक्षात्कार में सचिन के खिलाफ जिस तरह से आग उगली है, उसे देख कर यह कहा जा सकता है कि सचिन और गहलोत के बीच खाई इतनी गहरी हो चुकी है जिसे भर पाना आसान नहीं हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर जो सीधा हमला बोला है। उससे आने वाले दिनों में राजस्थान के सियासी ड्रामे के निर्णायक मोड़ पर आने की संभावना है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान से गुजरने के बाद पार्टी कई बड़े फैसले ले सकती है। वैसे अभी पार्टी ने गहलोत के बयान पर पानी के ठंडे छींटे डाले हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अशोक गहलोत एक वरिष्ठ और अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने अपने युवा सहयोगी सचिन पायलट के साथ जो भी मतभेद व्यक्त किए हैं, उन्हें इस तरह से सुलझाया जाएगा।
जिससे कांग्रेस पार्टी और भी मजबूत होकर उभरे। इस समय कांग्रेस के प्रत्येक कार्यकर्ता का यह कर्तव्य है कि पहले से ही अभूतपूर्व रूप से सफल भारत जोड़ो यात्रा उत्तर भारतीय राज्यों में और भी प्रभावशाली बने।
गहलोत के इस साक्षात्कार ने पार्टी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल की एडवाइजरी की धज्जियां उड़ा कर रख दी है। सितम्बर में पार्टी पर्यवेक्षकों के बेरंग लौटने के बाद गहलोत और पायलट खेमों ने एक-दूसरे के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया।
पार्टी की किरकिरी होते देख आलाकमान को एडवाइजरी जारी कर दोनों पक्षों को बयानबाजी से बचने को कहा। लेकिन मुख्यमंत्री ने इस इंटरव्यू में सचिन के खिलाफ जिस तरह से मोर्चा खोला, उसने एडवाइजरी की धज्जियां उड़ा कर रख दी।