(इंडिया न्यूज),जयपुर: (Demand for caste census raised in Rajasthan Assembly) राजस्थान में भी अब बिहार की तर्ज पर जातिगणना जनगणना की मांग उठने लगी है। बता दे कि विधानसभा में कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी और डूंगरपुर के चौरासी से विधायक राजकुमार रोत ने ये मांग उठाई है। हरीश चौधरी ने कहा कि 1931 के बाद आज तक जातिगत गणना नहीं हुई। 2001 में केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना का फैसला लिया था। फिर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने जातिगत जनगणना को रोक दिया। जातिगत जनगणना से किसी वर्ग या जाति को कोई नुकसान नहीं होता।
हरीश चौधरी ने कहा कि 2011 में कांग्रेस की सरकार ने जातिगत जनगणना का फैसला लिया लेकिन बाद में जब 2014 में मोदी सरकार आई तो उसे रोक दिया। आयोग गठन की बात कही गई लेकिन उस पर भी आज तक कुछ नहीं हुआ। 40 सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एक भी पिछड़ा वर्ग का व्यक्ति नहीं है। केंद्र सरकार से अब कोई उम्मीद नहीं है। बिहार की तर्ज पर राजस्थान सरकार भी अपने स्तर पर जातिगत जनगणना कराए।
राजस्थान विधानसभा में हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण का मुद्दा भी उठाया। चौधरी ने आगे कहा कि हम अपने समाज को आगे बढ़ाने के लिए यहां आए है। सिर्फ फोटो खिंचवाने और छपवाने के लिए नहीं। उन्होनें राजेंद्र राठौड़ का नाम लेते हुए कहा कि वो आज भी हम पर आरोप लगाते है। उस पर सीबीआई जांच हुई, फैसला जो भी आएगा। लेकिन मूल मुद्दे से सवाल नहीं भटकना चाहिए।
आज राजस्थान विधानसभा के पटल पर प्रदेश में जातिगत जनगणना करने की माँग को लेकर मज़बूती से अपनी बात रखी।समाज के शोषित और वंचित वर्गों के साथ न्याय जातिगत जनगणना से ही संभव हो सकेगा।#जातिगत_जनगणना_ज़रूरी_है pic.twitter.com/GvYSGialPc
— Harish Chaudhary (@Barmer_Harish) March 2, 2023
सुप्रीम कोर्ट के 50% के कैप की वजह से ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिल रहा है। इस पर राजस्थान सरकार और विधानसभा को चर्चा करनी चाहिए। आपको बता दे कि हरीश चौधरी लंबे समय से अशोक गहलोत सरकार से लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधे हुए है। ओबीसी वर्ग की मांगों को सबसे ज्यादा उठा रहे है। पहले भूतपूर्व सैनिकों के मुद्दे पर आरक्षण में हो रहे नुकसान को लेकर आंदोलन चलाया। अब ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग उठाई।