(नई दिल्ली): भीलवाड़ा में स्टांप पेपर पर लड़कियों की नीलामी का मामला सामने आने के बाद राजस्थान के पुलिस महानिदेशक एमएल लाठेर ने कहा कि राज्य पुलिस महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर सख्त है। दो पीड़ित लड़कियों के बारे में बताया गया है।
दोनों लड़कियों के साथ घटना के संबंध में वर्ष 2019 में मामला दर्ज किया गया था। जिले के हनुमान नगर थाने में आइपीसी, पाक्सो एक्ट, जेजे एक्ट और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। वर्ष 2019 में भीलवाड़ा जिले में लड़कियों की खरीद-बिक्री के सिलसिले में आपरेशन गुड़िया चलाया गया था।
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, इससे पहले 29 अक्टूबर को राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने भीलवाड़ा में कलेक्ट्रेट में एक बैठक की थी। इस बैठक में जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
डीएसपी और कलेक्टर से पता चला कि यह मामला 2019 का है। उस समय पुलिस ने 25 लोगों का चालान अदालत में पेश किया। छह लड़कियों में से चार का पुनर्वास किया गया है और दो बालिका गृह में हैं, क्योंकि वे अन्य राज्यों से हैं। मैं जल्द ही उन तक पहुंचूंगी और पूरी जानकारी प्राप्त करूंगी।
अपको बता दे कि इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस ने ऐसे मामलों का पर्दाफाश किया है, जो राज्य में भाजपा के पिछले शासन के दौरान हो रहे थे। घटना 2005 में हुई, जब भाजपा सत्ता में थी।
2019 में हमने इसका पर्दाफाश किया। 21 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया, तीन की मौत हो गई और एक फरार हो गया। दो बच्चों की मौत हो गई और बाकी अपने घरों को चले गए।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW), राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) और राजस्थान राज्य महिला आयोग (RSCW) सभी ने आरोपों की रिपोर्ट मांगी है।
दिल्ली महिला आयोग (DCW) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने भी गहलोत को पत्र लिखकर राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में ऋण अदायगी के विवादों को निपटाने के लिए स्टांप पेपर पर लड़कियों की नीलामी के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।