अभिषेक जोशी, उदयपुर :
Debate on Greatness of Maharana Pratap : चुनावी मोड़ से पहले राजस्थान में एक बार फिर महाराणा प्रताप की महानता और इतिहास के तथ्यो पर नई बहस शुरू हो गई है। आदर्श व्यक्तित्व के नाम से यह विवाद कांग्रेस बनाम बीजेपी हो गया है। अभी मामला कांग्रेस के प्रदेश मुखिया और विधानसभा में भाजपा विधायक दल के मुखिया के बीच चल रहा है। पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा महाराणा प्रताप को लेकर दिए विवादित बयान पर भाजपा भी आरपार के मूड में है।
गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि कांग्रेसी अपनी उन्नति नहीं चाहते इसीलिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री रहे गोविंद सिंह डोटासरा अज्ञानी है। उन्हें कुछ भी कहने से पहले महाराणा प्रताप और मेवाड़ के इतिहास के सुनहरे पत्तों को पढ़ना चाहिए।
महाराणा प्रताप को लेकर एक बार फिर से राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा महाराणा प्रताप के लिए गलत टिप्पणी करने के विरोध में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रतिक्रिया दी है। कटारिया ने गोविंद सिंह डोटासरा को फिर से इतिहास का पाठ पढ़ने की नसीहत देते हुए कहा कि जिन लोगों ने आज तक अकबर को महान बताया उन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं है।
ऐसे में एक बार डोटासरा को इतिहास पढ़ने की जरूरत है। कटारिया ने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति के कारण ही आज तक कांग्रेस एक कोने में पड़ी है। कांग्रेस उन्नति नहीं चाहती तो इसी तरह की अनर्गल बयानबाजी करती रहे।
डोटासरा पर पलटवार करते हुए कटारिया ने कहा कि महाराणा प्रताप मेवाड़ के स्वाभिमान की लड़ाई लड़े थे। राज – पाट छोड़कर जंगलों में सिर्फ मेवाड़ के स्वाभिमान के लिए रहे थे। मेवाड़ किसी के सामने नहीं झुके इसलिए महाराणा प्रताप ने इतनी बड़ी सल्तनत से भी मुकाबला किया। उन्हें अगर सत्ता का लालच होता तो वह भी मान सिंह की लाइन में चले जाते।
पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार को नागौर में बयान दिया था कि भाजपा ने अपने राज के दौरान विद्या भारती की तर्ज पर पाठ्यक्रम बनवाएं। बीजेपी ने ही महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुई लड़ाई को धार्मिक लड़ाई बताते हुए पाठ्यक्रम में शामिल करवाया था जबकि यह सत्ता का संघर्ष था। डोटासरा ने कहा था कि बीजेपी हर चीज को हिंदू मुस्लिम में बांट कर रखना चाहती है।
हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के विजय होने की बात सबके सामने लाकर उसे पाठ्यक्रम में जुड़वाने वाले इतिहासकार डॉक्टर चंद्रशेखर शर्मा ने इस राजनीतिक बयानबाजी पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप के 450 वर्ष पुराने इतिहास को समझने के लिए राजनीति का चश्मा उतारने की जरूरत है। इतिहास के ऐसे तथ्य मौजूद है जो ये साबित करते है कि महाराणा प्रताप का संघर्ष न तो सत्ता पाने के लिए हुआ था और ना ही सत्ता खोने या बचाने के लिए था।
प्रताप के पास तो सत्ता खुद लौटकर आई थी। उनको मेवाड़ का शासक नहीं बनाया तब भी उन्होंने मुंह नहीं खोला। सत्ता का लोभ होता तो प्रताप उस वक़्त भी बोल सकते थे कि मैं बड़ा बेटा हूँ मुझे शासक बनाया जाए। जिन्हें सत्ता भोगनी होती है वे कॉम्प्रोमाइज करते है संघर्ष नहीं। महाराणा प्रताप का संघर्ष विदेशी साम्राज्यवाद के खिलाफ था। ये अभारतीय के साथ भारतीय का संघर्ष था।
Read More : Road Accident In Sikar तेज रफ्तार बस ने वैन को मारी टक्कर, हादसे में 2 स्कूली बच्चों की मौत
Also Read : Rajasthan Weather Forcast राजस्थान के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना, जाने अपने जिले का हाल
India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bharat Bandh: भारत बंद के चलते यह अवकाश केवल छात्रो…
India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajya Sabha by-election: राज्यसभा उपचुनाव की तारीख की घोषणा हो…
India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Alwar News: टाइगर 2303 अब हरियाणा से वापस अलवर जिले…
India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bharatpur News: भरतपुर के आरबीएम में महिला के अचानक प्रसव…
India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bikaner News: थाना इलाके के कानासर गांव में देर रात…
India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Sirohi News: आबूरोड रीको पुलिस ने सात दिन पूर्व वृद्ध विधवा…