इंडिया न्यूज, भीलवाड़ा:
Customer Got the Bike to Zomato Boy : कोरोना काल में बहुत से लोगों ने अपना रोजगार खो दिया। ऐसा ही कुछ हुआ राजस्थान के भीलवाडा के एक इंग्लिश टीचर के साथ। इनकी नौकरी भी कोरोना काल में चली गई थी। जिसके बाद अब वे इस तेज गर्मी के मौसम में जोमैटो के लिए काम करने के लिए मजबूर हो गए। जहां इस तेज गर्मी में बाहर घर से पैर बाहर निकालना मुश्किल होता है।
वहीं यह टीचर साइकल पर आर्डर घर-घर पहुंचाने को मजबूर हो गया। वहीं जब एक 18 साल के एक कस्टमर ने जोमैटो से आर्डर किया और आर्डर लेकर यह एमए पास डिलवरी बॉय(Delivery boy) आया तो यह उससे देखा नहीं गया और उसने डिलवरी बाय को बाइक दिलवाने की बात ठान ली।
टिवटर की मदद से पैसा किया इकट्ठा
कस्टमर आदित्य ने डिलीवरी बॉय(Delivery boy) को साइकिल पर भी टाइम से आर्डर लाते देख उसे बाइक दिलाने की ठान ली(Customer Got the Bike to Zomato Boy)। इसके बाद उसने उससे बात कर उसकी हालत के बारे में पता चला। इसके बाद आदित्य ने ट्विटर पर लोगों से मदद मांगी। जिसके बाद डिलीवरी बाय को बाइक दिलाने के लिए पैसे जुटाने शुरु किए। और क्राउड फंडिंग से मात्र दो घंटे में 1.90 लाख रुपए जमा हो गए।
इसके बाद डिलीवरी बॉय(delivery boy) को स्प्लेंडर बाइक दिलाई। बाकी के रुपयों से वह अपना लोन भी चुकता करेगा। वहीं जब डिलवरी बाय को बाइक दिलाई तो वह भावुक हो गया। वहीं डिलवरी बाय का कहना है कि उसे पुरानी साइकिल से आर्डर डिलीवर करने से परेशानी होती थी लेकिन घर का गुजारा चल जाता था। वहीं कस्टमर आदित्य ने बाइक पर बैठाकर उसके साथ फोटो भी खींचे।
12 साल तक पढ़ाने के बाद गई नौकरी
डिलवरी बाय को काम करने को मजबूर हुए दुर्गा शंकर मीणा सांवर के रहने वाले है। इससे पहले वह 12 सालों तक एक प्राइवेट स्कूल में इंग्लिश टीचर थे। लेकिन कोरोनाकाल में स्कूल बंद होने पर उनकी नौकरी भी चली गई। एक साल तक सेविंग से गुजारा किया। 40 हजार रुपए का पर्सनल लोन भी लिया।
लेकिन वह भी खर्च हो गए। घर में भी कोई नहीं है। पिता की मौत और मां के नाते चले जाने के बाद आगे-पीछे कोई नहीं था। इसके बाद भीलवाडा आया और पेट पालने के लिए जोमैटो में डिलीवरी बॉय की नौकरी शुरू की। घर नहीं है तो जगह मिलने पर रेस्टोरेंट में ही सो जाते हैं।
Customer Got the Bike to Zomato Boy