जयपुर: (Coronavirus New Evidence) कोरोना वायरस कहां से आया है। ये किस देश से फैला है। इसे लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। जिसे लेकर कई बार चीन और अमेरिका में बहस भी छिड़ी है। हमेशा से चीन को कोरोना का जनक बताया गया है। मगर इसके खिलाफ पहली बार पुख्ता सबूत सामने आए हैं।
साथ ही ये भी पता चला है कि कोरोना वायरस कहां से आया है। इससे पहले ये चर्चा जोरो पर थी कि कोरोना वायरस चीन के खाद्य पदार्थ से ही आया है। लेकिन अब यह सब साफ हो गया है कि ये वायरस कहां से आया है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना वायरस चमगादड़ से नहीं बल्कि संक्रमित रैकून कुत्तों से फैला है। जो कि चीन के वुहान शहर में एक सीफूड मार्केट में अवैध रूप से बेचे जा रहे थे। सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम को इसके सबूत भी मिले हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के वुहान की हुनान सीफूड होलसेल बाजार और आस-पास के इलाके से शोधकर्ताओं द्वारा लिए गए जेनेटिक डेटा को इकट्ठा करने के बाद ये निष्कर्ष निकाला गया है।
चीनी अधिकारियों ने जेनेटिक डाटा तैयार करने के कुछ वक्त बाद ही मार्केट को बंद कर दिया था। अधिकारियों को इस बात का पहले से ही संदेह था कि यह पूरा मामला कोरोना वायरस से जुड़ा हुआ है। अमेरिकी ऊर्जा विभाग के एक खुफिया आकलन के हफ्तों बाद इस बात का खुलासा किया गया है।
जिसमें यह दावा किया गया था कि चीन के वुहान शहर में एक वायरोलॉजी प्रयोगशाला से ‘आकस्मिक प्रयोगशाला रिसाव’ सबसे ज्यादा इस महामारी की वजह था।
इसके साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे इस चीज की जांच हुई और फर्श, पिंजरों, दीवारों और गाड़ियों पर लगे जानवरों के नाक-मुंह से निकले तरल पदार्थ यानी स्वैब से जीन्स को इकट्ठा किया गया। विश्लेषण में यह पाया गया कि ये नमूने वायरस से संक्रमित थे। जिसमें रेकून कुत्तों समेत जानवरों की अनुवांशिक सामग्री थी।
भले ही इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि रेकून कुत्ते के वायरस से संक्रमित थे या फिर उन्होंने वायरस को इंसानों में पहुंचाने का काम किया। मगर स्टडी में बताया गया है कि कोरोना वायरस इंसानों में जंगली जानवरों से ही फैला है।
आपको बता दें कि इस रिसर्च में हिस्सा लेने वाली वायरोलॉनोजिस्ट एंजेला रासमुसेन ने ‘द अटलांटिक’ को बताया कि वास्तव में ये एक मजबूत संकेत हैं कि मार्केट में जानवर संक्रमित थे। कोई अन्य स्पष्टीकरण नहीं है जो किसी तरह से समझ में आता है। इस रिसर्च का नेतृत्व 3 शोधकर्ताओं माइकल वर्बे, एडवर्ड होम्स और क्रिस्टियन एंडरसन ने किया था। हालांकि, इस खुलासे ने इस बात को पूरी तरह से गलत ठहराया है कि चीन के वुहान शहर की लैब से कोरोना वायरस फैला है।