India News(इंडिया न्यूज़ )Rajasthan: राजस्थान का विवाद कई सालों से कांग्रेस आलाकमान के पास पेंडिंग ही चल रहा है। बता दें कि चुनावी साल में कांग्रेस आलाकमान राजस्थान को लेकर रिस्क नहीं लेना चाहती है, क्योंकि बड़े नेताओं की लड़ाई में छोटे भी पिस रहे हैं। वहीं मंत्री-विधायक भी इस लड़ाई का अंजाम भोग रहे हैं। इसलिए पार्टी नेतृत्व कुछ ठोस फैसला करना चाहता है, जिसमे गहलोत और पायलट दोनों विन विन कंडीशन और कम्फर्ट ज़ोन में खुदको महसूस कर सकें। इसलिए बीच का रास्ता ही निकाला जाएगा।
बता दें, दिल्ली की बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और तीनों सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़, अमृता धवन और काज़ी निजामुद्दीन मौजूद रहेंगे। साथ ही बैठक में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी, गुजरात कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा और रघुवीर मीणा सरीखे कद्दावर कांग्रेस नेताओं के शामिल होने की चर्चाएं हैं। पहले दौर की बैठक के बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी के साथ फाइनल बैठक भी गहलोत- पायलट और प्रभारी रंधावा की हो सकती है। इनसे अलग-अलग वन टू वन मुलाकात भी हो सकती है।