नीति गोपेंद्र भट्ट, Rajasthan News (Congress Satyagraha March): कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिया गया नोटिस और पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी से की जा रही अनवरत पूछताछ और अग्निपथ से देश भर में उपजें नवयुवकों के रोष के समर्थन में कांग्रेस द्वारा सोमवार को नई दिल्ली के जन्तरमन्तर पर किए गए प्रदर्शन तथा पार्टी द्वारा राष्ट्रपति भवन पर किए गए पैदल मार्च और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेंट आदि सभी स्थानों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान का जलवा दिखाई दिया।
राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली की सड़कों पर चारों तरफ़ राजस्थान के नेताओं और कार्यकर्ताओं का हुजूम प्रमुखता से दिखाई दिया। अशोक गहलोत सोमवार को मोदी सरकार पर और अधिक आक्रोश के साथ बहुत जोर से गरजें और कहा कि कांग्रेस देश का डीएनए है एवं कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखने वालों के पूर्वज भी धरती पर उतर आयें तो भी उनका सपना पूरा नहीं होने वाला।
राहुल गाँधी के समर्थन में दिल्ली एवं देश भर शुरु हुए सत्याग्रह मार्च के पहलें दिन से अशोक गहलोत न केवल अग्रणी भूमिका में नजर आ रहें है वहीं पार्टी के मुख्य रणनीतिकार भी बने हुए है। राहुल प्रियंका और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं तथा अपने काउंटर पार्ट छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मिल कर बनाई गई उनकी रणनीति न केवल कारगर हों रही है वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में एक नया जोश भरने में भी सफल दिखाई दे रही है।
गहलोत शुक्रवार शाम को जयपुर गए थे और जयपुर में भी कांग्रेस के प्रदर्शन कार्यक्रमों में शामिल होकर और देश में पहली राजस्थान सरकार द्वारा अग्निपथ योजना वापस लेने का केबिनेट से निर्णय करवा रविवार को शाम वापस दिल्ली लौट आयें। राजस्थान कांग्रेस पूरी एकजुटता से अपने हाई कमान के पीछे खड़ी दिखाई दें रही हैं। गहलोत के जयपुर होने के दौरान सचिन पायलट और प्रदेश के अन्य नेता दिल्ली में सक्रिय रहें।
सोमवार को मुख्यमंत्री गहलोत के मोदी सरकार पर किए गए तेज हमलों से कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं का जोश सातवें आसमान तक पहुँच गया। गहलोत ने कहा कि भाजपा संविधानिक शिष्टाचार को ताक में रख विचारधारा की लड़ाई के स्थान पर व्यक्तिगत दुश्मन के रूप में व्यवहार कर रही है जो कि लोकतंत्र पर गहरा कुठारा घात है।
कांग्रेस मुक्त भारत की हँसी उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि हम भले ही सत्ता में नहीं है लेकिन कांग्रेस इस देश के हर गाँव और लोगों के दिलों में बसी हुई है। यदि कांग्रेस ने लोकतंत्र को जिंदा नही रखा होता तों आज वे सत्ता में कैसे आते और प्रधानमंत्री कैसे बनते?
गहलोत ने कहा कि हमें उनकी सौच पर शर्म आती है कि देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भारत के पहलें प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरु के योगदान और इन्दिरा गाँधी और राजीव गाँधी तथा कांग्रेस के अन्य महान नेताओं की क़ुर्बानियों का ज़िक्र तक नही करते
और अपने राजनीतिक फ़ायदे के लिए हिंदू -मुस्लिम के झगड़े और संविधानिक संस्थाओं ईडी, सीबीआई, इनकम टेक्स आदि का पिछलें आठ वर्षों से निल्लजता के साथ दुरुपयोग कर रहें है। इसकी पराकाष्ठा को भी देश ने देखा, जब उन्होंने राजनीति से दूर -दूर तक कोई रिश्ता नहीं होने के बावजूद मेरे भाई के घर सिर्फ इसलिए छापामारा क्योंकि मैं राहुल जी के साथ किए जा रहें दुर्व्यवहार के विरोध में दिल्ली की सड़कों पर उतरा।
गहलोत ने कहा कि मैंने 13 को सीबीआई, ईडी, सीबीडीटी प्रमुखों से मिलने का वक्त मांगा था, 15 को मेरे भाई के खिलाफ मुकदमा हो गया और 17 को छापा ही पड़ गया। राजनीतिक संकट के वक्त भी मेरे भाई के यहां छापा डाला था। प्रतिशोध की ऐसी राजनीति देश ने पहलें कभी नहीं देखी।
गहलोत यहीं तक नहीं रुके उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस की विचार धारा पर चलते हुए देश के साम्प्रदायिक सौहार्द को किसी क़ीमत पर नहीं बिगड़ने देगें। उन्होंने कहा कि मोदी संविधान-कानून से नहीं अपनी सोच से देश को चलाना चाहते हैं। इनकी सोच बहुत खतरनाक है।
उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी जिन्होंने प्रधानमंत्री का पद त्याग दिया उन्हें ईडी का नोटिस दे दिया। थोड़ी बहुत तो शर्म आनी चाहिए थी। गहलोत ने कहा कि 1977 -78 में इंदिरा गांधी को जेल भेजने की तरह ही देश का प्रत्येक कार्यकर्ता राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ खड़ा है।
हमें जेल भरो अभियान करना पड़ा तो वह भी करेंगे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बहुत अर्से बाद कांग्रेस की इस एकजुटता को देखते हुए लग रहा है कि कांग्रेस को एक नई संजीवनी मिल रही है और देश में संविधानिक संस्थाओं का राजनीतिक हथियार के रुप में किए जा रहें दुरुपयोग के विरोध में वातावरण बन रहा है।
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