Gehlot-pilot: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच की स्थिति को सुलझाने के लिए पार्टी ने एक बैठक बुलाई है। वहीं पार्टी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है। इसके साथ ही, पार्टी के एक सूत्र ने कहा अब सचिन पायलट को भी इस बैठक में अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया जा सकता है। बता दें कि राज्य में चुनावों से पहले अपने वजूद की लड़ाई में पायलट की ओर से चला गया यह आखिरी दांव माना गया। वहीं पायलट के अनशन के बाद अब आलाकमान का रुख एक बार फिर नरम पड़ता हुआ दिख रहा है।
राजस्थान कांग्रेस प्रभारी ने कहा, सचिन पायलट ने जो भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है, मैं उससे सहमत हूं, लेकिन उनका तरीका गलत है। उन्हें इसे विधानसभा सत्र के दौरान उठाना चाहिए था। सचिन पायलट के साथ आज आधे घंटे की चर्चा हुई और हम कल भी बात करेंगे। मैं इस पर विश्लेषण करके एक रिपोर्ट तैयार करुंगा कि गलती किसकी है। उन्होंने जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की, मुझे नहीं लगता कि वह पार्टी के पक्ष में है। मैं एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करूंगा।वहीं अनशन के दौरान भी पायलट ने पूरी सावधानी बरती और किसी भी पार्टी विरोधी बयान और सीएम गहलोत के खिलाफ सधी हुई भाषा का इस्तेमाल किया। वहीं पायलट ने अडानी मुद्दे पर मोदी सरकार को भी घेरा।
राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस पायलट के अनशन को एक नए संकट के तौर पर देख रही है, क्योंकि वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों पर अनशन पर बैठे हुए हैं। दरअसल, सचिन पायलट ने भाजपा शासन के दौरान हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए गहलोत सरकार पर दबाव बनाया गया है। वहीं इसे कांग्रेस ने पार्टी हितों के खिलाफ बताया है।