Code Of Conduct: क्या है आचार संहिता जिसके लागू होते ही पार्टियों पर लगती है लगाम

India News (इंडिया न्यूज़), Code Of Conduct: : पूरे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट या आदर्श चुनाव आचार संहिता बनाई है, देश के पांच राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होते ही आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी।

हम आपको बतातें हैं आचार संहिता लगने पर राजस्थान में किन सरकारी और राजनीतिक कार्य पर पाबंदी हो जाएगी और किस पर नहीं, साथ ही आचार संहिता के उल्लंघन पर निर्वाचन आयोग और उसके नुमाइंदे क्या कार्यवाही कर सकते है।

क्या है आचार संहिता

चुनाव आयोग ने देश में चुनाव को निष्पक्ष और स्वतंत्र ढंग से सम्पन्न कराने के लिए कुछ नियम व शर्तें बनाई हैं, इन्हीं नियम व शर्तो को आचार संहिता कहते हैं।

बता दें कि आचार संहिता प्रावधान कानून के द्वारा लाया गया नहीं है, यह सभी राजनीतिक दलों की सर्वसहमति से लागू व्यवस्था है, इस व्यवस्था का सभी को पालन करना होता है, सबसे पहले आचार संहिता की शुरुआत साल 1960 में केरल विधानसभा चुनाव में हुई थी, इस चुनाव में बताया गया कि उम्मीदवार क्या कर सकता है और क्या नहीं, ठीक इस चुनाव के बाद पहली बार चुनाव आयोग ने वर्ष 1962 के लोकसभा चुनाव में इस संहिता के बारे में सभी राजनीतिक पार्टियों को अवगत करायाय़। देश में 1967 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में आयोग ने सभी सरकारों से इस प्रावधान को लागू करने को कहा और यह सिलसिला आज भी जारी है। समय-समय पर चुनाव आयोग इसके दिशा-निर्देशों में बदलाव करता रहता है।

आचार संहिता चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही लागू हो जाती है, जो पूरी तरह चुनाव परिणाम घोषित होने तक लागू रहती है, चुनाव में हिस्सा लेने वाले राजनैतिक दल, उम्मीदवार, सरकार और प्रशासन समेत चुनाव से जुड़े सभी लोगों पर इन नियमों का पालन करने की जिम्मेदारी होती है।

आचार संहिता में किन कामों पर होता है प्रतिबंध

  • चुनाव प्रचार के दौरान, कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा।
  • आपसी नफरत पैदा कर सकता है या विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक या भाषाई के बीच तनाव पैदा कर सकता है।
  • असत्यापित आरोपों या विरूपण के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए।
  • आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार किसी नई योजना और नई घोषणाएं नहीं कर सकती और कोई भूमि पूजन और लोकार्पण भी नहीं हो सकता है।
  • चुनावी तैयारियों के लिए सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकता, जैसे सरकारी गाड़ी, बंगला, हवाई जहाज आदि।
  • आचार संहिता लागू होते ही दीवारों पर लिखे गए सभी तरह के पार्टी संबंधी नारे व प्रचार सामग्री होर्डिंग, बैनर व पोस्टर हटा दिए जाते हैं।
  • राजनीतिक दलो को रैली, जुलूस या फिर मीटिंग पर रोक लग जाती है।
  • धार्मिक स्थलों और प्रतीकों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान नही किया जाता।
  • मतदाताओं को वोट हासिल करने के लिए रिश्वत नहीं दी जा सकती है।
  • वोटरों को लाने के लिए मतदान केंद्रों पर गाड़ी मुहैया नहीं करवा सकते है।
  • मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित नही की जा सकती है।

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Rahul Singh Rathore

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