इंडिया न्यूज, Rajasthan News: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नवाचार एक बार फिर से देश मे चर्चा में है। गहलोत द्वारा इस बजट में मनरेगा की तर्ज पर इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारन्टी योजना शुरू की है। कल प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति ने भी इस बात की पैरवी की कि शहरी रोजगार गारन्टी योजना देश भर में लागू की जानी चाहिए।
आज खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बात की चर्चा पीसीसी में मीडिया से चर्चा करते हुए की। गहलोत ने कहा कि प्रदेश में जो सरकार नवाचार कर रही है उसको केंद्र सरकार भी मान रही है। गौरतलब है कि गहलोत ने अपना विजन दिखाते हुए इसी बजट में इस योजना का एलान कर शुभारंभ किया था।
इस योजना के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में मनरेगा की तर्ज पर मांगे जाने वाले काम पर 100 दिन का रोजगार प्रदान किया जाएगा। इस योजना के संचालन के लिए 800 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस योजना को अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित किया जा रहा था।
लेकिन अब इस योजना को शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले नागरिकों के लिए भी कार्यान्वित किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को उनके निवास क्षेत्र के पास रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। जिससे कि शहरी परिवारों को संबल प्रदान हो सके। यह योजना शहरी क्षेत्र के बेरोजगार नागरिकों को रोजगार प्रदान करने में कारगर साबित होगी। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से प्रदेश के नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा।
मीडिया से चर्चा करते हुए गहलोत ने केंद्र सरकार पर भी महंगाई को लेकर हमला बोला कहा महंगाई पर कल मैंने ट्वीट भी किया कि महंगाई की चिंता कौन कर रहा है? महंगाई की चिंता नहीं कर रहे हैं कोई, बेरोजगारी की चिंता नहीं कर रहे हैं, जब कैंपेन किया 2014 के अंदर तो मोदी जी ने कहा कि 2 करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा प्रतिवर्ष, उसको तो सब भूल गए हैं और इसीलिए देश के अंदर जो माहौल बना रखा है तनाव का, दंगों का, जिससे कि ध्यान डायवर्ट रहे। बात महंगाई की होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कोरोना को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मैं कहना चाहूंगा कि कोरोना को भी गंभीरता से लेना चाहिए। डॉक्टर्स से मेरी बात होती रहती है। कल रात को ही मैंने बातचीत की। दिल्ली के आंकड़े आप देख रहे हो टीवी में भी आंकड़े आ रहे हैं। आज लंग्स के अंदर जो स्कोर कोविड चल रहा था तब आता था। उसी ढंग के स्कोर आने लग गए हैं। तो मैं प्रदेशवासियों को निवेदन करना चाहूंगा कि आप ध्यान रखें। कोई सिम्प्टम्स दिखें तो डॉक्टर को दिखाएं। इसको लेकर कोई लापरवाही न करें यह मेरा आग्रह है।
गहलोत ने कहा कि वो ही मैं देख रहा हूं कि महंगाई को लेकर, बेरोजगारी को लेकर कि देश किस दिशा में जा रहा है। देश किस दिशा में जाएगा यह किसी को नहीं पता। क्योंकि जो लोग सत्ता में बैठे हुए हैं इनको जनता का भय नहीं है। ये लोग हिंदू धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। इनको इस बात का घमंड आ गया है कि सब हिंदू हमारे साथ हैं। हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
कांग्रेस के शासन में जैसे ही मीडिया आरोप लगाता था। तो तो हम समझते थे कि मीडिया जनता की भावनाओं को रीप्रजेंट कर रहा है। कांग्रेस नेतृत्व हमेशा देखता था लोग क्या कहेंगे? लोग क्या सोचेंगे हमारे बारे में। हम सत्ता में बैठे हुए हैं और ये घटना हो रही है। उस समय तत्काल फैसले होते थे। लेकिन इनको कोई मतलब ही नहीं है कि लोग क्या कहेंगे। ये डेमोक्रेसी के लिए खतरा है, ये आम जनता को समझना पड़ेगा कि हिंदुत्व के नाम पर आपको जो भ्रमित कर रहे हैं, ये हमारे लिए उल्टा पड़ेगा।
गहलोत ने कहा कि ईआरसीपी को लेकर अभियान के रूप मे मूवमेंट खड़ा होना चाहिए। जनता को आगे अना पड़ेगा। हम भी केंद्र सरकार पर दबाव दे रहे हैं। प्रधानमंत्री जी को उनका किया वादा याद दिला रहे हैं। उन्होंने ने जयपुर में और अजमेर में वादा किया। उनके मंत्री कह रहे हैं उन्होंने कोई वादा किया ही नहीं। अगर उन्होंने कहा हो तो मैं संन्यास ले लूंगा राजनीति से लेकिन अब उनके मुंह पर ताला लग गया है। वो संन्यास कब लेंगे पता नहीं।
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