Rajasthan : मां दुर्गा की आराधना का महापर्व चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 से शुरू होगा यानी कि आज से। साल में चार नवरात्रि आती हैं। जो दो सामन्य और दो गुप्त होती है। सामन्य नवरात्रि में पहले चैत्र नवरात्रि और दूसरी शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है। नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा की नौ शक्तियों को समर्पित है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथा यानी की नवरात्रि के पहले दिन पर्वतराज हिमालय की पुत्री मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। तो हम आपको आज बताते है चैत्र नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की विधि और पूरी जानकारी ।
मां शैलपुत्री की पूजा से पहले अखंड ज्योति प्रज्वलित करें और फिर शुभ मुहूर्त में घटस्थापना करें। अब पूर्वामुख होकर पूजा की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और इसके ऊपर केशर से ‘शं’ लिखें। मां दुर्गा की तस्वीर स्थापित करें। वहीं सबसे पहले गणपति जी का आव्हान करें और फिर हाथ में लाल फूल लेकर मां शैलपुत्री का आव्हान करें। माता रानी को कुमकुम, हल्दी, अक्षत, सफेद चंदन, सिंदूर, लौंग, पान 16 श्रृंगार का सामान मां शैलपुत्री को अर्पित करें। एक लाल चुनरी में पांच प्रकार के सूखे मेवे चढ़ाएं और देवी को अर्पित करें।
चैत्र नवरात्री के पहले दिन सूर्योदय से पहले उठ कर स्नान करें,फिर साफ़ कपड़े पहने जिसके बाद चौकी को
गंगाजल से साफ करके मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटोज को स्थापित करें। इसके बाद कलश स्थापना करें चैत्र नवरात्री में कलश के उपर कलावा बांधे और उपर आम और अशोक के पत्ते रखे। ये बहुत ही शुभ माना जाता है और मां शैलपुत्री का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद माता शैलपुत्री को रोली-चावल लगाएं और सफेद फूल मां को चढ़ाएं।
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