Jaipur: राजस्थान के जयपुर बम ब्लास्ट मामले के चार आरोपितों की फांसी की सजा उच्च न्यायालय द्वारा पलट कर बरी करने का मामला गरमाता जा रहा है। बता दें कि भाजपा ने आरोप लगाया कि अशोक गहलोत सरकार के इशारे पर वकीलों की कमजोर पैरवी के आतंकवादी बरी हो गए। वहीं आरोपितों को सजा दिलाने के लिए पीड़ितों के पक्ष में अब भाजपा वकीलों की टीम तैनात करेगी।
बता दें कि उच्च न्यायालय के फैसले के विरूद्ध ये वकील सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के साथ ही पैरवी करेंगे । भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने सोमवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी बड़े से बड़ा वकील पीड़ितों के पक्ष खड़ा करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि कमजोर पैरवी के कारण हत्यारे बरी हो गए। इस मामले में सरकार ने बड़े वकील को पैरवी करने की जिम्मेदारी क्यों नहीं सौंपी।
वहीं उधर कोटा में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सी.पी.जोशी ने कहा कि गहलोत ने अपनी सरकार बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में कपिल सिब्बल जैसे बड़े वकीलों को करोड़ों की रकम देकर बतौर वकील खड़ा किया था। जयपुर के 71 लोगों को आतंकियों ने मार दिया। लेकिन राजस्थान सरकार ने उच्च न्यायालय में पैरवी के लिए एक भी बड़ा वकील खड़ा नहीं किया। जबकि आतंकियों के 18 वकीलों ने उनकी पैरवी की थी। अतिरिक्त महाधिवक्ता भी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए।
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