India News (इंडिया न्यूज़),Bharatpur News: कुछ दिनों पहले देश में स्वतंत्रता दिवस मनाकर देश के लिए प्राणों का त्याग करने वाले जवानों और स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जा रहा है। तो वही राजस्थान के भरतपुर में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जिला स्तरीय समारोह में अधिकारियों की ओर से शर्मनाक करतूत सामने आई है। यहां देश के लिए अपने प्राणों का त्याग करने वाले एक शहीद के माता पिता का घोर अपमान और बेइज्जत कर समारोह से बाहर निकाल दिया गया। समारोह में शहीद सौरभ कटारा के माता-पिता इस घटना से दुखी होकर फूट-फूट कर रोए। लेकिन उन्हे रोते-बिलकते देख किसी भी अधिकारी का दिल नहीं पिंघला बाद में शहीद के माता-पिता ने बेआबरू होकर समारोह को छोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने शहीद सौरभ कटारा के माता-पिता को वीरांगनाओं के लिए निर्धारित स्थान पर नहीं बैठने दिया। जबकि शहीद के माता-पिता वीरांगना की पत्नी के नाम से मिले निमंत्रण कार्ड को लेकर समारोह में पहुंचे थे। इसके बावजूद भी अधिकारियों ने उनकी बेइज्जत करते हुए कहा ‘आपका बेटा शहीद नहीं हुआ हैं। इसके बाद शहीद के माता-पिता को वहां से हटा दिया।’
शहीद सौरभ के पिता नरेश कटारा ने बताया “उनका बेटा सौरभ गत 23 दिसंबर 2019 को कुपवाड़ा में शहीद हो गया था। इसके बाद स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जिला प्रशासन ने उनकी पत्नी पूनम को वीरांगना सम्मान के लिए न्योता भेजा। इस दौरान उनकी बहू की तबीयत ठीक नहीं थी। इसलिए वह आयोजन में नहीं जा सकी। इस पर सौरभ के पिता नरेश और माता अनिता कार्ड लेकर समारोह में पहुंचे। जहां उनको वीरांगनाओं के लिए लगाई गई कुर्सियों पर बिठा दिया गया।”
सौरभ के पिता नरेश कटारा ने आगे यह भी बताया “कुर्सियों पर बैठने के बाद वहां मौजूद सैनिक कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने हमें यह कहकर उठा दिया कि यह आपका क्षेत्र अधिकार नहीं है। आपका बेटा सौरभ शहीद के दर्जे में नहीं आता है। वह आतंकियों की गोली से नहीं मरा। यह बात सुनकर उनकी पत्नी मौके पर फूट-फूट कर रोने लगी। उन्होंने अधिकारी को इनविटेशन कार्ड भी दिखाया। लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी और वहां से उन्हें हटा दिया। इसके बाद दोनों समारोह छोड़कर घर आ गए।”
आपको बता दें कि सौरभ कटारा राजस्थान के भरतपुर के रूपवास क्षेत्र के बरौली ब्राह्मण गांव के निवासी थे। वे 23 दिसंबर 2019 को अपने एक साथी के साथ पेट्रोलिंग कर रहे थे कि तभी अचानक आतंकियों ने उनकी कार पर हमला कर दिया। जिसमें सौरभ कटारा गंभीर रूप से घायल हो गया और 24 दिसंबर को उपचार के दौरान सौरभ ने दम तोड़ दिया। बता दें कि सौरभ की महज 17 दिन पहले ही 8 दिसंबर को पूनम के साथ शादी हुई थी।
आश्चर्य की बात तो यह है कि आतंकी हमले में शहीद हुए सौरभ को 2019 से अभी तक शहीद का दर्जा नहीं दिया गया है। इसके लिए सौरभ के माता-पिता और वीरांगना पूनम अब तक सरकार और रक्षा मंत्रालय के कई चक्कर काट चुके हैं। लेकिन आज तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इस बीच सौरभ के पिता नरेश ने बताया “रक्षा मंत्रालय का कहना है कि आपका बेटा गोली से नहीं मरा। वह ब्लास्ट में मारा गया है। इसलिए उसे शहीद नहीं माना जा सकता। ना ही शहीद को मिलने वाली सहायता दी जा सकती है। इसके कारण अब तक उनके परिवार को किसी प्रकार की मदद नहीं मिली है।”
सौरभ के पिता ने बड़े तंग होते हुए कहा “देश के लिए उनका बेटा बलिदान हो गया। लेकिन उसे अभी तक शहीद का सम्मान नहीं मिला। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के चक्कर काट कर थक चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं है।” सौरभ के पिता ने यह भी बताया “उन्होंने गत वर्ष 2022 में मामले को लेकर कोर्ट में केस दायर किया है, जिसकी सुनवाई अभी चल रही है।”