(जयपुर): विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने आरएएस वाला दांव खेला है। राजस्थान में वैदिक शिक्षा के लिए आवासीय विद्यालाय और परशुरामपीठ खोले जाएंगे।
विप्र समाज के चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड अब वैदिक शिक्षा के लिए वेद पाठ के आवासीय विद्यालय और जयपुर के पास आमेर में ‘परशुराम पीठ’ स्थापित करने सहित समाज हित में कई कार्य करेगा। बोर्ड अध्यक्ष महेश शर्मा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी नहर मण्डल भवन में विप्र विशेषज्ञ सलाहाकार बोर्ड की प्रथम बैठक में यह प्रस्ताव लिए गए।
महेश शर्मा ने बताया कि बैठक में उपस्थित विभिन्न क्षेत्रों के अनुभवी विप्र समाज के विशेषज्ञों द्वारा विप्र समाज के उत्थान के कई विषयों पर अपने सुझाव दिए।
बैठक में मंदिर माफी की जमीन की खातेदारी संबंधित पुजारी के नाम करवाने, पुजारियों एवं सेवादारों को मासिक मानदेय देने, विप्र समाज के विद्यार्थियों के लिए वैदिक आवासीय विद्यालय प्रारम्भ करने, जिला स्तर पर छात्रावास प्रारम्भ करने एवं जब तक छात्रावास प्रारम्भ नहीं हो तब तक राज्य के 10 हजार विद्यार्थियों के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना प्रारम्भ करने, मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृति योजना प्रारम्भ करने एवं प्रदेश भर में विप्र समाज की कार्यरत सभी सामाजिक संस्थाओं को विप्र कल्याण बोर्ड से सम्बद्धता दिये जाने पर चर्चा कर प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाने की अनुशंषा की गई।
अपको बता दें, कि इससे पहले सरकार के विप्र कल्याण बोर्ड ने ब्राह्मण समाज की आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक स्थिति जानने के लिए आम जनता से जानकारी और सुधार के लिए सुझाव मांगे थे। इसके लिए बाकायदा विज्ञापन भी जारी किया। महेश शर्मा ने बताया कि इसके बाद बोर्ड इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को देगा।
राजस्थान में पहली बार ऐसा हो रहा कि सरकार ब्राह्मणों की समस्याओं और जीवन स्तर में सुधार के लिए कार्य योजना तैयार कर रही है। विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा के मुताबिक पहले की सरकारों ने ऐसा नहीं सोचा। लेकिन सीएम गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार पहली बार ब्राह्मणों की सुध ली है