India News (इंडिया न्यूज़),Barmer: बाड़मेर जिला से बड़ी खबर है। यहां जिला के कलेक्टर ने भारत-पाक के सीमावर्ती गांवों में रात्रिकालीन विचरण पर प्रतिबंध लगा दिया है। आपको बता दें कि सीमा से लगे हुए दो किलोमीटर क्षेत्र में प्रवेश और विचरण पर रोक लगाई गई है। इस आदेश में लोगों से कहा गया है कि वे प्रतिबंधित क्षेत्र में रात के समय सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना बाहर ना आवागमन ना करें। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में धूल भरी आंधी और सुरक्षा कारणों के चलते जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित ने ये आदेश जारी किया है।
जिले के बूठिया, जुमा फकीर की बस्ती, तालब का पार, सजन का पार, सूंदरा, पांचला, हमीराणी, मोती की बेरी, रोहिडी, सगोरालिया, मुनाबाव, अकली, मालाणा, छोटी खडीन, मखन का पार, अमी का पार, तामलोर, त्रिमोही, गडरारोड, केरला, पदमड़ा, रिछयाली, बाड़मेरों का पार, सजनाणी, नारे का पार, केरकोरी, पादरिया, पीरे का पार, पांधी का पार, लकड़ियाली, बनों की बस्ती, लधे का पार, तालब का पार, चान्दाणियों का पार, झैलून, बिन्दुसियाणी, कबूल की ढाणी, सजन का पार, कुम्हारों का टीबा, रासबानी, राठौडों का तला, माधुरी का तला, भभूते की ढाणी, भीलों का तला, सादुलाणियों की गफन, हेजम का तला, उम्मेदपुरा, कल्याणपुरा, केलनोर, समेलों का तला, मीठडाऊ, मीये का तला, जाटों का बेरा, बरवाल, देहवा, लालपुर, ब्राह्मणों की ढाणी, रेलिया, सोमराड, बसिये का तला, जानपालिया, सराईयों का तला, दीपला, सारला, समोते का पार, शोभाला जेतमाल, हुरों का तला, तालसर, हुसैन का तला, रड़वा, सुजों का निवाण उर्फ मेगे की बेरी, नवातला, बाखासर, सरूपे का तला, आगिनशाह की ढाणी, सैयद मौज अली का तला, कृष्ण का तला, रते का तला, भाडा, एकल, रामपुरा, हाथला, बछवाल और भलगांव शामिल हैं।
आदेश के अनुसार इन गांवों में शाम 7 बजे के बाद सुबह 6 बजे तक बिना अनुमति के किसी के आनाजाही पर प्रतिबंधित लगा दिया गया है। बता दें कि प्रतिबंधित समय में बाहर आने-जाने वाले लोगों को बीएसएफ चौकी से अनुमति लेनी होगी।
जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुसार समस्त कार्यपालक मजिस्ट्रेट, पुलिस, सीमा सुरक्षा बल और अन्य ऐजेंसिंयों के अधिकारियों व कर्मचारियों जो अवांछित गतिविधियों की रोकथाम, कानून-व्यवस्था की ड्यूटी के लिए इन क्षेत्रों में तैनात हैं, उन पर ये आदेश लागू नहीं होगा। बाकी अन्य लोगों को दो महीने तक इस आदेश का पालन करना होगा।