India News (इंडिया न्यूज़), Ashok Gehlot on New Parliament Building: रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को नया संसद भवन समर्पित किया। जिसको लेकर विपक्ष पार्टी लगातार विरोध करते दिख रही है। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि नई संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी को नहीं करना चाहिए था। बल्कि उन्हें राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू के हाथों से उद्घाटन करवाना चाहिए था।
इस मामले को लेकर कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों ने भाजपा पर लगातार तंज कसा और उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया। जिसके बाद भाजपा नेता भी पलटवार करते हुए संसद भवन की लाइब्रेरी एनेक्सी का उदाहरण देते हुए बड़ा बयान दे दिया।
भाजपा का मानना है कि संसद भवन की लाइब्रेरी और एनेक्सी का उद्घाटन कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ था। तब भी उन्होंने राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया था। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भाजपा के इस बयान के बाद से नाराज दिख रहे हैं। वही सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा बीजेपी के कुछ नेता नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति महोदय से नहीं करवाने पर कुतर्क कर रहे हैं।
सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि भाजपा नेता का कहना है कि पहले भी संसद भवन की एक लाइब्रेरी और एनेक्सी के उद्घाटन के कार्यक्रम में राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया था। भाजपा नेता को सोचना और समझना चाहिए कि क्या पहले से बने संसद भवन की लाइब्रेरी और एनेक्सी के उद्घाटन का काम राष्ट्रपति की गरिमा के लेवल का होता है? लाइब्रेरी और एनेक्सी से नए संसद भवन की तुलना कैसे की जा सकती है?
संसद के भीतर 1970 में एनेक्सी के काम को मंजूरी मिल गई थी। उस समय राष्ट्रपति वीवी गिरी ने इसका शिलान्यास किया था। एनेक्सी 5 साल बाद बंद कर तैयार हो गया। तो देश में आपातकाल लग गया। उस समय एनेक्सी का उद्घाटन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में किया। राजीव गांधी सरकार ने संसद में लाइब्रेरी बनाने का निर्णय किया और उसका शिलान्यास भी किया जिसका उद्घाटन 15 साल बाद नारायणन ने किया।
दरअसल सीएम अशोक गहलोत पिछले कुछ दिनों से भाजपा पर लगातार हमला करते हुए बड़ा बयान किया था। उन्होंने पहलवानों के धरने का वीडियो ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में कहीं त्यौहार मनाया जा रहा है तो कहीं लाठियों की बौछार हो रही है।
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