India News ( इंडिया न्यूज़ ),Ashok Gehlot Interview: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। बता दें कि राज्य में 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है। लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी से एक मांग की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मांग करते हुए कहा कि जैसे UPA ने चार गारंटियां लोगों को दी थी उसी तरह प्रधानमंत्री को देश में सोशल सिक्योरिटी कानून लागू करना चाहिए। आपको बता दें कि अशोक गहलोत का दावा है कि इस बार चुनाव में कांग्रेस 200 में से 156 सीटे जीतेगी। उन्होंने ये बात भी कही है कि, “हम लोग बांटने का काम कर रहे और बीजेपी नेता तो राजस्थान में कहीं दिख ही नहीं रहे। मैं इस बार इनकी एक नहीं चलने दूंगा और राजस्थान में कांग्रेस 156 सीटों से सरकार बनाएगी।
मानगढ़ में शहीद स्मारक को बनाने की बात तो प्रधानमंत्री ने की मगर आखिर में घोषणा नहीं की, तो मैंने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री ने नहीं बनवाया तो राज्य सरकार बनवाएगी। राजस्थान में बीजेपी के लीडर कहीं दिख ही नहीं रहे। आक्रोश रैली रखी थी तो लोगों ने कहा आक्रोश है कहां, हमें तो सब मिल रहा।” केजरीवाल और अन्ना हजारे पर आरोप लगाते हुए गहलोत ने ये भी कहा कि संघ और बीजेपी ने मिलकर इनको हमारे खिलाफ खड़ा किया था।अशोक गहलोत ने आगे ये भी कहा, “राहुल गांधी ही स्वाभाविक नेता हैं क्योंकि वही मोदी से लड़ रहे हैं। मगर इस बाबत फैसला नेतृत्व करेगा क्योंकि वो लोग बाकी दलों के संपर्क में हैं।”
वसुंधरा राजे के भ्रष्टाचार मामलों पर गहलोत ने जवाब में कहा, “कोई क्या कहता है उस पर मुझे क्या कहना, मैं इतना बता दूं कि वसुंधरा राजे के खिलाफ 4 मामले थे जिनका सबका निस्तारण हमने कर दिया है। कुछ मामलों में कोर्ट ने फैसले दे दिए हैं और एक बस कारपेट का मामला है जो ED के दायरे में है। इसलिए मैं साफ कर दूं और कोई भी मामला मेरी संज्ञान में नहीं है।”
लेकिन आपको बता दें कि हाल ही में सचिन पायलट ने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे ही गहलोत की नेता हैं। इसके जवाब में गहलोत ने कहा, “इंदिरा गांधी जी ने मुझे इतना कुछ दिया, राजीव जी, सोनिया जी, राहुल जी समेत पूरे गांधी परिवार ने मुझे विधायक, प्रदेश अध्यक्ष और 3 बार राज्य का मुख्यमंत्री बनाया, कोई क्या कहेगा कि मेरा नेता कौन है।”
सचिन पायलट को सलाह देना पर गहलोत ने कहा, “जब खरगे जी, राहुल जी और वेणुगोपाल जी के सामने बात हो गई और तय हो गया कि सबको मिलकर चुनाव लड़ना है तो मुझे उम्मीद होगी कि कोई भी नेता या कार्यकर्ता आलाकमान के उस निर्देश का पालन करेगा। साथ मिलकर चुनाव लड़ेगा क्योंकि देश को आज कांग्रेस की जरूरत है।”