जयपुर: (Rajasthan Assembly News) एक तरफ जहां लंपी वायरस से पशु जूझ रहे है तो वही, प्रदेश में संविदा पर कोई भी पशु चिकित्सा अधिकारी काम नहीं कर रहा है। इसको लेकर कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा ने बुधवार यानी 15 मार्च को विधानसभा में पशुपालन मंत्री की ओर से अवगत कराया कि पशुपालन विभाग में अस्थायी आधार पर 593 पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में संविदा पर कोई भी पशु चिकित्सा अधिकारी काम नहीं कर रहा है। इससे पहले कृषि विपणन राज्य मंत्री ने विधायक बिहारीलाल के मूल प्रश्न को लिखित जवाब में बताया था कि राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर द्वारा 22 अक्टूबर 2019 को 900 पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी।
जिसका प्रोविजनल परीक्षा परिणाम 26 नवंबर 2020 को जारी किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि परिणाम पर 8 दिसंबर 2020 को हाई कोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त हुआ। तो वहीं इन्हीं मांगों के लिए पिछले महीने जयपुर में धरना और प्रदर्शन दिया गया था। इस प्रकरण में हाई कोर्ट की ओर से आठ मार्च 2022 को निर्णय पारित किया गया। उन्होंने आगे बताया कि इस आदेश के विरूद्ध राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर ने हाई कोर्ट में डीबी स्पेशल वाद दायर किया।
मीणा ने बताया कि वर्तमान में इस डीबी स्पेशल अपील पर हाई कोर्ट ने 28 सितंबर 2022 को निर्णय करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रकरण में पैरवी कर अति शीघ्र निस्तारण के लिए महाधिवक्ता की नियुक्ति की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में पशु चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत पद 2,307 हैं। इनमें से 991 पद रिक्त हैं।
विभाग में संविदा पर कोई पशु चिकित्सा अधिकारी काम नहीं कर रहा है। इस बीच वेटनरी डॉक्टर्स एशोसिएसन राजस्थान के राज्य मीडिया प्रभारी और प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र जाखड़ का कहना है। 900 पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती पूरी की जाए। यह भर्ती पिछले चार साल से कोर्ट में लंबित है। भर्ती न होने से काम प्रभावित है। संस्थाओं में स्टाफ में कमी है।