जयपुर: (Announcement of 19 new identity cards) राजस्थान में विधानसभा चुनाव का समय पास है और ऐसे में सरकार ने तीन बार बजट पेश किया जिसमें जनता के लिए कई विकास किए गए। प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से बजट सत्र के दौरान 19 नए जिलों की घोषणा भी की गई। नए जिलों के बनने के बाद जनता की सशक्त बढ़ने वाली है। आमजन को वोटर आईडी, आधार कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र समेत कई आवश्यक दस्तावेजों में परिवर्तन के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। इसके लिए लोगों की जेब पर भारी पड़ेगा, जो उनको इस महंगाई के दौर में महंगा साबित होगा। अनुमान है यह लगाया जा रहा है कि राज्य में नए जिले बनने के बाद 3.5 करोड़ लोगों को दस्तावेज में परिवर्तन करवाने के लिए परेशानी का सामना करना होगा।
राजस्थान में नए जिले बनने के बाद क्षेत्रों में जिलों को लेकर कई परिवर्तन हुआ है। अगर की बात करें तो, इसके लिए दस्तावेजों में सबसे प्रमुख है दस्तावेज आधार कार्ड हैं। जो हर तरह की योजनाओं के लिए बहुत आवश्यक माना जाता है। आधार कार्ड में परिवर्तन होने के बाद ही अन्य सभी दस्तावेजों में भी परिवर्तन होगा। सूत्रों के अनुसार राजस्व विभाग अगले एक से डेढ़ महीने में नए जिलों के सीमांकन का काम शुरू करेगा। इसके तहत लोकसभा विधानसभा, जिला और संभाग मुख्यालय के संबंध में भी बदलाव किए जाएंगे। जिले में बदलाव होने के साथ ही आमजन को अपने आधार कार्ड में भी नए जिले का परिवर्तन कराना होगा।
आमजन को आधार कार्ड में पता बदलने के लिए एक घोषणा पत्र (एफिडेविट) बनवाना होगा। जिसमें नए जिले का हवाला देते हुए उसमें संबंधित व्यक्ति को उनके वर्तमान पते को बदलकर नए जिले के अनुसार करवाने का उल्लेख करना होगा। इसी घोषणा पत्र के आधार पर आधार कार्ड में नए जिले के आधार पर परिवर्तन होगा। यह घोषणा पत्र 50 रुपये के स्टांप पर बनाया जाएगा। इसी से ईमित्र के जरिए आधार कार्ड में इसका परिवर्तन हो सकेगा। बता दें कि परिवार के प्रत्येक सदस्यों के अलग-अलग स्टांप पेपर लगाने होंगे।
आधार कार्ड में एड्रेस परिवर्तन होने के बाद वोटर आईडी कार्ड में भी मतदाता का पता बदला जाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ प्रवीण गुप्ता के अनुसार जिला बदलने के बाद वोटर कार्ड में भी आसानी से परिवर्तन हो सकेगा। इसके लिए निर्वाचन विभाग काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे ही जिलों का सीमांकन तय हो जाएगा। उसके बाद निर्वाचन विभाग द्वारा भी कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। नए जिलों के सीमांकन के बाद निर्वाचन विभाग भी अपने सभी आंकड़ों को अपडेट करेगा।
मुख्यमंत्री ने जो 19 नए जिलों की घोषणा की है उनमें जयपुर और जोधपुर भी शामिल है। जयपुर में उत्तर व दक्षिण के रूप में जिले बनेंगे तो, जोधपुर में भी पूर्व व पश्चिम जिले बनाए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार इन जिलों का बंटवारा वैसे ही होगा। जैसे विधानसभा क्षेत्रों का होता है। जयपुर में दो और जोधपुर में भी दो-दो कलेक्टर और दो-दो एसपी नियुक्ति किए जाएंगे। हालांकि इन जिलों में कौन से क्षेत्र शामिल होंगे यह अभी तय नहीं हो पाया है। इसको लेकर रामलुभाया कमेटी की ओर से रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
जयपुर उत्तर व जयपुर दक्षिण के रूप में घोषित किए गए 2 जिलों में किन क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। लेकिन संभावना जताई जा रही है कि जयपुर उत्तर जिले में परकोटा शहर, आमेर, विद्याधर नगर, शास्त्री नगर, बनी पार्क, वैशाली नगर, सीकर रोड, हरमाड़ा, विश्वकर्मा, दिल्ली रोड से सटे क्षेत्र कूकस, अचरोल, जमवारामगढ़ को जयपुर उत्तर जिले में शामिल किया जा सकता है। इसी तरह जयपुर दक्षिण में सी स्कीम, प्रताप नगर, मालवीय नगर, मानसरोवर, महिंद्रा सेज, जगतपुरा, सीतापुरा, चाकसू, बस्सी तक के क्षेत्र को जयपुर दक्षिण जिले में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा दूदू और कोटपूतली को जिला बनाने के बाद जो हिस्सा बचेगा। उसे जयपुर उत्तर व जयपुर दक्षिण के बीच बांटे जाने की संभावना है।