Tuesday, July 2, 2024
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कुलदीप बिश्नोई के छोटे बेटे की सगाई दूसरे समाज की लड़की से होने के बाद कुछ विरोधी लोगो का बिश्नोई के भित्तिचित्र पर कालिख पोतने का वीडियो हो रहा वायरल

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(इंडिया न्यूज),जयपुर: (This development happened only after the engagement of Bishnoi’s younger son) हरियाणा के पूर्व विधायक और भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई की फोटो पर कालिख पोतने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है लेकिन यह कानिख क्यो पोती गई आप भी यही सोच रहे होंगे, तो आईए हम आपको बताते है कि आखिर ऐसा क्यो हुआ।

यह मामला तब ओर गर्मा गया जब कुलदीप बिश्नोई के छोटे बेटे चैतन्य बिश्नोई की सगाई की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी, क्याकि युवती पंजाबी समुदाय से है। चैतन्य बिश्नोई की 25 फरवरी को दिल्ली में सगाई हुई है। चैतन्य बिश्नोई ने भी कुछ फोटो सोशल मीडिया अपलोड किए हैं। जिन्हे देख कुछ लोग आग-बाबुला हो गए। बता दे कि यह हरकत शरारती तत्वों ने राजस्थान के मुकाम क्षेत्र में की है।

यह घटनाक्रम बिश्नोई के छोटे बेटे की सगाई के बाद ही हुआ

मुकाम में बिश्नोई समाज का पवित्र स्थल है। मुकाम में बने स्वागत द्वार पर कुलदीप बिश्नोई का भित्तिचित्र बना हुआ है, उसी पर कालिख पोती गई है। हालांकि कुलदीप बिश्नोई के प्रवक्ता मोहित शर्मा ने कहा कि ये वीडियो पुरानी है। समाज का गणमान्य व्यक्ति कोई विरोध नहीं कर रहा। कुछ गिने- चुने लोग जो चौधरी भजन लाल और कुलदीप बिश्नोई के विरोधी रहे हैं। वे ही ऐसी पुरानी वीडियो वायरल कर रहे हैं।

इस वायरल वीडियो में कालिख पोतने वाले शख्स ने अपने चेहरे नहीं दिखाए। यह घटनाक्रम कुलदीप बिश्नोई के छोटे बेटे चैतन्य बिश्नोई की सगाई के बाद ही हुआ है। हालांकि सगाई का विरोध हरियाणा के बिश्नोई समाज में नहीं है, जबकि राजस्थान में इसका विरोध केवल सोशल मीडिया पर ही किया जा रहा है।

सगाई होने पर बिश्नोई समाज के कुछ लोग आपत्ति जता रहे

इस सगाई के समर्थन में कुलदीप समर्थकों सहित दूसरी जाति के लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सचिन जांगडा ने लिखा है कि विरोध सिर्फ इंसान को मजबूत बनाता है, इंसान अपने निजी जिंदगी के फैसले खुद लेता है, समाज का हस्तक्षेप जरूरी नहीं।

कुलदीप बिश्नोई अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक है। उनके बेटे की दूसरे समुदाय की युवती से सगाई होने पर बिश्नोई समाज के कुछ लोग आपत्ति जता रहे हैं और सोशल मीडिया पर उनसे इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि वे संरक्षक न होते तो हमें कोई आपत्ति नहीं थी। परंतु उनके द्वारा ऐसी हरकत बार-बार की जाती है तो यह समाज के गले नहीं उतर रही। उन्हें अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।

 

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